नई दिल्लीः इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ (अरिसदा) की ओर से जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में राजमेडिकॉन कांफ्रेंस आयोजित की गई थी। लेकिन इस कांफ्रेंस के आखिरी दिन रविवार को कुछ ऐसा हुआ कि सभी लोग हैरान रह गए। इस कांफ्रेंस में रविवार को स्वामी ज्ञानवत्सल्य बिना मोटिवेशनल स्पीच दिए बिड़ला सभागर से कार्यक्रम छोड़कर चले गए। इसके पीछे जो कारण सामने आया, वो काफी हैरान करने वाला है
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्वामी ज्ञानवत्सल्य के सभा छोड़ के जाने के पीछे कारण आगे की 3 पंक्तियों में महिलाओं का बैठना बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि जब स्वामी ज्ञानवत्सल्य मोटिवेशनल स्पीच देने के लिए स्टेज के पीछे पहुंचे तो उन्होंने अनाउंस कराया था कि पहली तीन कतारों में महिलाएं नहीं बैठेंगी। जब गुरुजी द्वारा रखी गई इस शर्त के बारे में महिला डॉक्टरों को बताया गया तो उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया।
कुछ अन्य डॉक्टर भी इसमें शामिल हुए और स्वामी ज्ञानवत्सल्य के स्पीच का बहिष्कार करने का निर्णय लिया। हालांकि, विरोध कर रही महिला डॉक्टरों और आयोजकों के बीच बातचीत के बाद इसका हल निकाला गया और यह तय किया गया था कि सामने की दो पंक्तियां खाली रहेंगी। लेकिन मोटिवेशनल गुरु ज्ञानवत्सल्य अपना भाषण दिए बिना कार्यक्रम से चले गए। डॉ. रितु चौधरी ने बताया कि कुछ महिला डॉक्टर आगे की पंक्ति में बैठी थीं और पहली तीन पंक्तियों में कई महिलाएं थीं।
रितु चौधरी ने कहा कि सभी लोग स्वामी ज्ञानवत्सल्य के आने और उनके स्पीच देने का इंतजार कर रहे थे, तभी अचानक घोषणा की गई कि कोई भी महिला पहले की सात पंक्तियों में नहीं बैठेगी। इसके बाद फिर अनाउंस किया गया कि पहले की तीन पंक्तियों में कोई महिला नहीं बैठेगी। महिला डॉक्टर यह जानकर दंग रह गईं लेकिन उन्होंने स्वामी के प्रोटोकॉल का पालन करने का फैसला किया क्योंकि उनका भाषण हमेशा अच्छा होता है। डाक्टर्स का कहना था कि थोड़ी ही देर में अनाउंस हुआ कि स्वामीजी स्पीच नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि ये अजीब बात लगी कि स्वामी जी भेदभाव क्यों कर रहे हैं?