2019 लोकसभा चुनाव में गुना-शिवपुरी संसदीय सीट से दिग्गज कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने वाले भाजपा सांसद डॉक्टर कृष्णापाल यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
उनके और उनके बेटे के खिलाफ सोमवार को एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर एफआईआर कथित तौर पर जाली दस्तावेज जमा करने के कारण हुई है।
इससे पहले 16 दिसंबर को मुंगावली एसडीएम ने यादव और उनके बेटे के जाति प्रमाण-पत्र को निरस्त कर दिया था।
यह कार्रवाई एसडीएम द्वारा 2014 में बेटे सार्थक यादव को पिछड़ा वर्ग आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए अपनी आय क्रीमीलेयर आठ लाख रुपये से कम बताने पर की गई थी।
हालांकि लोकसभा चुनावों में पर्चा दाखिल करते समय यादव ने अपनी आय 39 लाख रुपये बताई थी। दोनों आय में अंतर होने पर मुंगावली से कांग्रेस विधायक ब्रजेंद्र सिंह यादव ने इसकी शिकायत एसडीएम से की।
जांच के बाद एसडीएम ने सांसद पर कार्रवाई करते हुए उनके जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर इसका प्रतिवेदन एडीएम को भेजा।
कानून विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसे मामलों में भारतीय दंड संहिता की धारा 466 एवं 181 के तहत मामला दर्ज किया जाता है। दोषी पाए जाने पर अधिकतम सात वर्ष की सजा का प्रावधान है।
मुंगावली के विधायक ब्रजेन्द्र सिंह का कहना था कि सांसद ने जो आय प्रमाण पत्र बनवाया था, उसमें उन्होंने अपनी आय को जाति प्रमाण पत्र का फायदा उठाने के लिए क्रीमीलेयर से नीचे दर्शाया था।
उन्होंने किसी गरीब का हक मारा है, इसलिए उन पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज होना चाहिए।