मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों को देखते हुए राजनैतिक सक्रियता काफी बढ़ गई है। इसी बीच राज्य में हर दिन औसतन 32 हजार नए वोटर वोटर लिस्ट में जुड़ने का मामला सामने आया है।
दरअसल पिछले 38 दिनों के दौरान राज्य में करीब 12.26 लाख लोगों ने वोटर लिस्ट में अपना नाम जोड़ने के लिए आवेदन किया है। इस तरह हर दिन औसतन 32 हजार नए वोटर वोटर लिस्ट में जुड़ेंगे।
हालांकि इतनी बड़ी संख्या में आवेदन आने से चुनाव आयोग भी काफी हैरान है और चुनाव आयोग ने अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए आवेदनों की पूरी जांच-पड़ताल करने का आदेश दिया है।
सभी तथ्यों को पूरी तरह से जांचने के बाद ही इन आवेदनों को मंजूरी दी जाएगी। मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों द्वारा 31 जुलाई से 7 सितंबर तक यानि कि 38 दिनों में 12 लाख 26 हजार लोगों के आवेदन आने की बात स्वीकारी गई है। फिलहाल इन आवेदनों की जांच की जा रही है।
निर्वाचन आयोग इन सभी दावों की आपत्तियों की जांच कर रहा है, ताकि कोई भी गलत व्यक्ति वोटर लिस्ट ना जुड़ने पाए। वहीं चुनावी मौसम में इतनी बड़ी संख्या में आवेदन आने पर राजनैतिक पार्टियों ने गड़बड़ी की आशंका जतायी है।
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के चुनाव प्रभारी जेपी धनोपिया का कहना है कि जैसा कि पहले भी देखा गया है कि पहले वोटर लिस्ट में बड़ी संख्या में सरकारी मशीनरी के दबाव में नाम जोड़े गए, जिन्हें बाद में हटाना पड़ा। इस तरह 24 लाख गड़बड़ वोटर हटाए गए, जो निश्चित रुप से चुनाव को प्रभावित कर सकते थे।
उल्लेखनीय है कि जहां पिछले 38 दिनों में हर दिन औसतन 26 हजार वोटर्स के आवेदन आए हैं, वहीं 19 जनवरी से 31 जुलाई तक वोटर लिस्ट का जो ड्राफ्ट तैयार हुआ था, उसमें हर दिन औसतन 5386 वोटर बढ़ने की बात सामने आयी थी।
चुनाव आयोग ने इस समय में वोटर लिस्ट से 24 लाख नाम वोटर लिस्ट से हटाए भी थे। चुनाव आयोग का कहना है कि वोटर लिस्ट में कोई भी नाम बिना जांच किए नहीं जोड़ा जाएगा। नियम और प्रक्रिया का पूरी सख्ती से पालन किया जाएगा। 27 सितंबर को जो वोटर लिस्ट फाइनल होगी वह पूरी तरह से सही होगी।