भोपाल – बुधवार से विधानसभा का बजट सत्र शुरू होना था लेकिन, सत्र की औपचारिक शुरुआत के साथ ही 10 मिनट बाद सेशन स्थगित कर दिया गया। कांग्रेसी विधायकों के हंगामे के चलते राज्यपाल ने अपनी अभिभाषण की पहली और आखिरी लाइन ही पढ़ी जिसे ही उनका संपूर्ण भाषण मान लिया गया। कांग्रेस ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान ही सदन का बहिष्कार कर दिया।
बमुश्किल 10 मिनट चले सत्र में कांग्रेसी विधायकों ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष में बैठे लोगों ने राज्यपाल पर आरोप लगाए और उनके इस्तीफे की मांग की।
सत्र के स्थगन के बाद आज पूरे दिन राजधानी में राजनैतिक गहमागहमी बनी रही। इस बीच केंन्द्रीय मंत्री उमाभारती भी राज्यपाल से मिलने राजभवन गईं। दूसरी ओर मुख्यमंत्री के आवास पर प्रदेश प्रभारी और सूबे के तमाम मंत्रियों की बैठक हुई जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विशेष अन्वेषण टीम (एस.आई.टी.) से संविदा शाला शिक्षक-2, संविदा शाला शिक्षक-3 तथा सहायक ग्रेड-3 की व्यापमं द्वारा ली गयी परीक्षा के संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा की गयी शिकायत की तत्काल जाँच का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री चौहान ने इस संबंध में एस.आई.टी. के अध्यक्ष को पत्र लिखा है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा की गयी शिकायत, जिसमें संविदा शाला शिक्षक दो तथा तीन एवं सहायक ग्रेड-3 की व्यापमं द्वारा ली गयी परीक्षा के संबंध में किये गये अन्वेषण पर प्रश्न उठाया गया है साथ ही अप्रमाणित एक्सेल शीट प्रस्तुत की गयी है, जिसमें 47 जगह सीएम दर्ज होने का दावा किया गया है, की तत्काल जाँच का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इस भ्रामक शिकायत की तत्काल जांच से प्रदेश की जनता को सत्यता ज्ञात हो सकेगी।
सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछार और हल्के बल प्रयोग का इस्तेमाल किया। इसके साथ ही, प्रदर्शन कर रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सहित कई अन्य नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया गया है। पुलिस के बल प्रयोग से कई कांग्रेसियों के चोटिल होने की भी सूचना है, जो उपचार करान हमीदिया अस्पताल गए हैं। घायलों का हाल जानने कांग्रेस के विधायक भी पहुंचे।
नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे की अध्यक्षता में कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में हुई विधायक दल की मीटिंग में फैसला लिया गया कि वे सदन की कार्यवाही बाधित नहीं करेंगे। सदन को शांतिपूर्वक चलने देंगे। लेकिन, इस दौरान सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह मुख्यमंत्री का इस्तीफा तब तक मांगा जाएगा जब तक कि वे अपना इस्तीफा नहीं दे देते।