मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे का लंबी बीमारी के बाद मुंबई के एक निजी अस्पताल में निधन मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को निधन हो गया. कटारे का मुंबई के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था|
कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक सत्यदेव कटारे का जन्म 15 फरवरी 1955 हुआ था। वे भिंड जिले के मनेपुरा (अटेर) से संबंध रखते हैं। कटारे विधि में स्नातकोत्तर थे ।
प्रदेश के भिंड जिले की अटेर विधानसभा सीट से विधायक सत्यदेव कटारे बीमारी के लिए इलाज के लिए न्यूयॉर्क भी गए थे. इसके बाद उनकी सेहत में कुछ सुधार आया था | पिछले कुछ समय से उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद मुंबई के हीरानंदनी अस्पताल में उन्हें भर्ती किया गया था |
कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक सत्यदेव कटारे का जन्म 15 फरवरी 1955 हुआ था। वे भिंड जिले के मनेपुरा (अटेर) से संबंध रखते हैं। कटारे विधि में स्नातकोत्तर हैं।
अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कटारे ने युवा कांग्रेस के साथ की। 1985 से 1990 तक वे मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के सचिव रहे। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के कार्यकाल में 1989 से 1990 तक वे परिवहन और जेल के सहायक मंत्री रहे। 1993 से 1995 तक वे मध्यप्रदेश के गृह राज्यमंत्री रहे।
1995 से 1998 के दौरान वे मध्यप्रदेश के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री रहे। 2003 से 2008 तक वे भिंड के अटेर क्षेत्र के विधायक रहे। लोकसभा के 1999 और 2004 के चुनावों में उन्होंने चुनाव लड़े, परंतु सफलता प्राप्त नहीं हुई। 2008 में भिंड के अटेर क्षेत्र से उन्होंने विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा और इस चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
गौरतलब है कि उनका राजनीति में बड़ा योगदान था। प्रदेश कांग्रेस को ऐसे समय उन्होने महत्वपूर्ण मसले उठाकर बल दिया जब कांग्रेस लगभग हाशिये पर जा चुकी थी।
दरअसल उन्होंने व्यापमं. में हुए कथित भ्रष्टाचार को भी विधानसभा के पटल पर पुरजोर तरीके से रखा था। उनके निधन से कांग्रेस समेत भाजपा के बड़े नेता शोक में डूब गए हैं। कई प्रमुख नेता ऐसे रहे जिन्होंने विधानसभा में उनके साथ सुख दुख के पल गुजारे और उनके साथ प्रदेश की राजनीति पर चिंतन भी किया।