भोपाल – मध्यप्रदेश के सभी सरकारी स्नातकोत्तर (पीजी) कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू करने की तैयारी है। उच्च शिक्षा विभाग ने यह प्रस्ताव तैयार किया है, जो मुख्यमंत्री की मंजूरी के लिए भेजा गया है। विभाग के अधिकारियों का मानना है कि ऐसा करने से छात्र-छात्राओं के कॉलेज से बंक मारने पर रोक लग सकेगी।
छात्र-छात्राओं के कॉलेज से बंक मारने और परिवार एवं कॉलेज की जानकारी के बगैर घूमने से विभाग परेशान हैं। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों में छात्र या छात्रा के साथ कोई अनहोनी होने पर सारा दोष कॉलेज प्रबंधन पर मढ़ा जाता है और विभाग को सफाई देनी पड़ती है।
सूत्र बताते हैं कि इसी चिंता के चलते ड्रेस कोड लागू करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। राजधानी के आधा दर्जन कॉलेज प्रबंधन से इस संबंध में सलाह भी ली गई है और वे ड्रेस कोड के पक्ष में हैं। सूत्र बताते हैं कि विभाग के इस प्रस्ताव से प्रारंभिक तौर पर मुख्यमंत्री भी सहमत हैं।
छात्र तय करेंगे ड्रेस प्रस्ताव में साफ कहा गया है कि छात्र या छात्राओं की ड्रेस विभाग तय नहीं करेगा। बल्कि छात्र-छात्राएं कॉलेज प्रबंधन के साथ मिलकर खुद ड्रेस तय करेंगे और फिर उसी ड्रेस में रोज कॉलेज आएंगे।
[box type=”note” ]प्रस्ताव सीएम को भेज दिया है। ड्रेस कोड लागू होने से कॉलेज से बंक मारने की प्रथा पर रोक लगेगी और इस कारण होने वाली घटनाएं भी रुकेंगी। सीएम की स्वीकृति मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
-दीपक जोशी, राज्यमंत्री, उच्च शिक्षा विभाग[/box]
विभाग के अधिकारियों को उम्मीद है कि ऐसा करने से छात्र या छात्राओं के कॉलेज से गायब रहने पर रोक लगेगी। देखते ही पकड़ा जाएंगे अधिकारियों का कहना है कि इसके बाद भी कोई छात्र या छात्रा कॉलेज से बंक मारता है, तो कॉलेज के बाहर देखते ही पकड़ा जाएगा।
प्रस्ताव में ऐसे छात्र एवं छात्राओं पर कार्रवाई का प्रावधान भी किया गया है। ऐसे मामलों में उनके अभिभावकों को कॉलेज बुलाकर चेतावनी दी जाएगी और उसके बाद भी विद्यार्थी का व्यवहार नहीं बदला, तो उसे कॉलेज से निकालने तक की कार्रवाई की जा सकती है।