भोपाल- प्रदेश के विकास और समृद्धि के लिए राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई राशि पूरी तरह से उपयोग करने में हर विभाग फिसड्डी रहा है। लिहाजा पिछले साल के कुल बजट में 64 हजार करोड़ से अधिक की राशि बच गई। इसमें वित्त विभाग के 33 हजार करोड़ हैं जिसे अन्य भुगतानों के लिए बचाकर रखने का तर्क दिया गया है। आवंटित राशि में केन्द्र और राज्य सरकार का अंश है।
शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और पानी की सुविधा मुहैया कराने के साथ-साथ हर जरूरतमंद को सरकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए विभागवार राशि उपलब्ध कराई गई। वर्ष 2015 के वित्तीय साल में सभी 52 विभागों के हिस्से में 1 लाख 66 हजार 659 करोड़ की राशि आवंटित हुई। इसमें भारी-भरकम बजट लेने वालों में ऊर्जा विभाग, राजस्व, गृह, फॉरेस्ट, कृषि, सहकारिता, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, नगरीय विकास, स्कूल शिक्षा, पंचायत विभाग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग, उच्च शिक्षा और ग्रामीण विकास विभाग है। वहीं मुट्ठी भर बजट पाने वालों में विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्द्ध घुमक्कड़ विभाग, गैर परंपरागत ऊर्जा संसाधन, संसदीय कार्य विभाग, विमानन, पुनर्वास, जेल, 20 सूत्रीय कार्यक्रम (कई साल पहले बंद हो चुका) आदि विभाग हैं। लेकिन इन विभागों ने भी अपने हिस्से का काफी बजट डुबो दिया।
विभागवार खर्च ब्यौरे से खुलासा
राज्य के वित्त विभाग ने विभागवार खर्च का ब्यौरा तैयार किया है। इससे जो आंकड़े सामने आये हैं वे काफी चौंकाने वाले हैं। मसलन, ऊर्जा विभाग को कोषालय के माध्यम से 12318 करोड़ 88 लाख का बजट आवंटित किया गया परन्तु यह विभाग सालभर में 8 हजार 640 करोड़ के आसपास ही राशि का उपयोग कर सका और नये वित्तीय वर्ष के आते-आते 3678 करोड़ से अधिक की राशि लैप्स करा दी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास सालभर बजट को लेकर परेशान होता रहा। कभी मनरेगा का भुगतान रुका तो कभी पंच परमेश्वर के नाम पर निर्माण कार्य ठहरे। विभाग का तर्क है कि केन्द्र सरकार से समय पर राशि नहीं मिली और जब मिली तब उपयोग करने का समय निकल गया। लिहाजा इस विभाग के खाते में आंवटित 4279 करोड़ में 3812 करोड़ की खर्च कर पाया और 566 करोड़ लैप्स हो गए।
इन विभागों ने डुबोया बड़ी राशि (राशि करोड़ में)
विभाग कुल आवंटन खर्च बकाया
वित्त 35020.53 1621.78 33398.75
राजस्व 7308.54 5393.86 1914.68
ऊर्जा 12318.88 8640.5 3678.38
सहकारिता 2365.82 1308.03 1057.79
कृषि 4542.57 1926.00 2616.27
लोक निर्माण 8064.31 6320.71 1743.00
आदिवासी विकास 4916.00 3676.00 1239.00
स्कूल शिक्षा 16647.28 13625.00 3022.00
ग्रामीण विकास 12455.81 7987.92 4467.89
एक नजर यहां भी
सभी 52 विभागों को आवंटित
कुल राशि 166659 करोड़
सालभर में खर्च हुआ 102264 करोड़
राशि जो बची रही गई 64394.77 करोड़