भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार अब राज्य के पंडितों की क्लास लगाने की तैयारी कर रही है। इस दौरान पंडितों को समाज में मंदिर का महत्व बताया जाएगा। साथ ही, यह भी बताया जाएगा कि मंदिर का समाज के प्रति क्या दायित्व है। पंडितों की ट्रेनिंग के लिए धर्मस्व विभाग कोर्स तैयार करने की तैयारी में जुट चुका है। हालांकि, सरकार की इस कवायद पर विपक्ष ने सवाल खड़े करना शुरू कर दिया है। दूसरी ओर, पुजारियों ने सरकार के इस कदम की प्रशंसा की है। उनका है कि सरकार के इस कदम से कुछ नया सीखने को मिलेगा।
मध्य प्रदेश की पर्यटन और धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर ने अधिकारियों के साथ एक बैठक में इस विषय पर विस्तार से चर्चा की। इसके तहत प्रदेश सरकार के संधारण वाले 21 हजार मंदिरों के पुजारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। जानकारी के अनुसार इस दौरान पंडितों को पूजा-पाठ का तरीका भी बताया जाएगा। इसके लिए सिलेबस और टाइम टेबल भी तैयार हो रहा है। इसके अलावा कोर्स के लिए गाइडलाइंस भी बनाई जा रही हैं। योजना को अक्टूबर से शुरू किया जा सकता है। बीजेपी का कहना है कि इस प्रयास से पुजारियों और समाज दोनों को लाभ होगा।
सरकार की इस कवायद पर अब विपक्ष ने सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस का कहना है कि सरकार अब प्रदेश के मठ मंदिरों पर भी कब्जा करना चाहती है। मंदिरों को स्वतंत्र रखना चाहिए। हर चीज का राजनीतिकरण ठीक नहीं है। विपक्ष के सवालों के बीच विभागीय स्तर पर इस योजना को लागू करने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। दूसरी ओर, सरकार की इस आगामी योजना को लेकर पुजारियों ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि इससे निश्चित तौर पर हमें लाभ मिलेगा, नई चीजें सीखने को मिलेंगी। हम और बेहतर तरीके से पूजन पाठ कर सकेंगे , समाज में भी इससे एक अच्छा सन्देश जाएगा।
गौरतलब है कि इस योजना के तहत प्रदेश के मठ-मंदिरों के पुजारियों को अनुष्ठान, कर्मकांड, पूजा विधि ,पंचांग देखने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें मंदिर में विशेष आरती, त्योहारों पर खास पूजन अर्चन, वास्तु पूजा, हवन जैसे अनुष्ठान कराने का भी प्रशिक्षण मिलेगा। इस कार्यक्रम से पुजारियों का स्किल डेवलपमेंट हो सकेगा, साथ ही उन्हें पूजन पाठ से जुड़ी नई विधाएं सीखने का भी अवसर मिलेगा।