देश में बढ़ती रेप की घटनाओं से लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इस पर बहुत से नेताओं ने अपनी बात रखी है। इसी बीच अब मध्यप्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि बच्चों के खिलाफ अपराध की वजह पोर्न फिल्म है।
उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ रेप और छेड़छाड़ के मामलों के लिए पोर्न साइट्स जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि वह राज्य में पोर्न साइट्स को बैन करने पर विचार कर रहे हैं। साथ ही इस मामले पर केंद्र सरकार की राय भी ली जाएगी।
गौरतलब है कि कठुआ और उन्नाव के मामले पूरी तरह सुलझे भी नहीं थे कि 21 अप्रैल को इंदौर में 4 महीने की बच्ची से रेप की घटना सामने आ गई। कठुआ रेप मामला तो संयुक्त राष्ट्र तक पहुंच गया जब वहां के महासचिव एंटोनियो ग्यूटेरस ने बच्ची को न्याय दिलाने के लिए आशा व्यक्त की।
इसके अलावा भारत में लगातार ऐसी घटनआओं के बीच सूरत से भी 11 साल की बच्ची से रेप और हत्या का मामला सामने आया। इन सभी घटनआओं का गुस्सा केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेश के लोगों में भी था। जिसके बाद पीएम मोदी को दुनियाभर के 600 शिक्षाविदों ने पत्र लिख कर नाराजगी जाहिर की।
लगातार बढ़ते आक्रोश के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश दौरे से लौटते ही कैबिनेट की मीटिंग बुलाई। जिसके बाद अध्यादेश लाने पर सहमति बनी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 24 घंटे के भीतर ही अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए। इसके तहत 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ रेप में फांसी तक की सजा का प्रावधान है।
वहीं 12 से अधिक और 16 से कम की बच्चियों के साथ रेप करने पर अध्यादेश के तहत न्यूनतम दंड 10 साल से बढ़ाकर 12 साल कर दिया गया है। वहीं अधिकतम सजा के तौर पर आरोपी को आजीवन कारावास की सजा भी मिल सकती है।