डॉ. मिश्रा ने कहा कि हम खुली जेल बनाने पर विचार कर रहे हैं, ताकि लोग बम बनकर नहीं घूमे। मुख्यमंत्री खुद रोज बैठकें ले रहे हैं। उन्होंने ही बुधवार को मीटिंग के बाद दिशानिर्देश जारी किए हैं। सभी बड़े आयोजनों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है, ताकि कोरोना को काबू किया जा सके।
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को कहा कि प्रदेश में 24 घंटे में 1033 प्रकरण मिले हैं। 102 लोग ठीक होकर घर गए हैं।
इस समय प्रदेश में एक्टिव केस 2,475 है। इसके बाद भी फिलहाल लॉकडाउन या बाजार बंद करने का कोई प्रस्ताव गृह विभाग की तरफ से नहीं आया है। कोई भ्रम न पालें। हम मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन को लेकर सख्ती के साथ ही जुर्माना बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं।
डॉ. मिश्रा का बयान ऐसे समय आया है, जब प्रदेश में लगातार केस बढ़ रहे हैं। हालात पिछले साल मई जैसे हो रहे हैं। पांच जनवरी को जितने नए केस मिले हैं, उतने पिछले साल कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मई में आ रहे थे।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि हम खुली जेल बनाने पर विचार कर रहे हैं, ताकि लोग बम बनकर नहीं घूमे। मुख्यमंत्री खुद रोज बैठकें ले रहे हैं। उन्होंने ही बुधवार को मीटिंग के बाद दिशानिर्देश जारी किए हैं। सभी बड़े आयोजनों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है, ताकि कोरोना को काबू किया जा सके। नाइट कर्फ्यू जारी रहेगा। शादियों और अंतिम संस्कार में लोगों के शामिल होने को लेकर प्रतिबंध लगाए गए हैं। इनका पालन करें।
डॉ. मिश्रा से पूछा गया कि पीएम की सुरक्षा के चूक के मामले में पंजाब से सफाई आई है कि लोगों की भीड़ नहीं थी, इस वजह से रैली रद्द की गई। इस पर मिश्रा ने कहा कि जब भीड़ कम थी तो जाने देते पीएम को। 16 घंटे हो गए। अब भी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का कोई बयान, कोई ट्वीट नहीं आया है। पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह इनके पाकिस्तान से संबंधों को बता चुके हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को ये भाई कहते हैं। मैं तो कहता हूं कि कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी जी को इस मामले में विस्तृत स्पष्टीकरण देना चाहिए। यह मोदी जी का सवाल नहीं है, देश की सुरक्षा का सवाल है। और, सोनिया जी सुरक्षा में चूक आपसे अधिक कौन जानता होगा, आपके परिवार ने तो इसका दंश झेला है।
सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति नुकसान वसूली कानून को लेकर डॉ. मिश्रा ने कहा कि हम जो कहते हैं, वह करते हैं। हमने कहा था कि जिस घर से पत्थर आएंगे, उसके पत्थर निकाले जाएंगे। अब यह एक कानून बन चुका है। गजट नोटिफिकेशन जारी हो चुका है।
संपत्ति नुकसान वसूली अधिनियम के तहत अभिकरण का गठन किया गया है। इसमें जो भी राष्ट्र की संपत्ति, निजी संपत्ति, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाएगा, उसकी खैर नहीं है। उस नुकसान की भरपाई उस व्यक्ति से की जाएगी, जो इसे नुकसान पहुंचाएगा। अब दंगाइयों की प्रदेश में खैर नहीं है। वह कानून के शिकंजे से नहीं बच सकेगा।