Madhya Pradesh Honey Trap Case : पैसा, पॉवर और पॉलिटिक्स के छत्ते में मधु सुंदरियों की घुसपैठ की परतें धीरे- धीरे खुल रही हैं। एजेंसियां खोज रही हैं कि इस हनीट्रैप की स्क्रिप्ट के पीछे कौन है? अभी जो सच सामने है, उसमें शिकार एक है और शिकारी छह। ब्लैकमेल गैंग ने कई बड़े लोगों के वीडियो बनाए, लेकिन इंजीनियर हरभजन सिंह के अलावा और कोई दूसरा पीड़ित सामने नहीं आया। पुलिस ने भी युवतियों के लैपटॉप और मोबाइल से कई अश्लील वीडियो जब्त किए, लेकिन उनके नाम सामने नहीं आए हैं। क्या सामने है और क्या परदे के पीछे।
ब्लैकमेलर गैंग पर निगाहें : दो माह पहले एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (एसीएस) का वीडियो वायरल होने के बाद से ही प्रदेश का खुफिया तंत्र सक्रिय हो चुका था। 17 सितंबर को हरभजन सिंह ने पलासिया थाने पहुंचे और आरती दयाल के खिलाफ ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया। रिपोर्ट में आरती के अलावा दूसरे नामजद आरोपित नहीं थे। शिकायत के बाद पुलिस ने आरती, मोनिका, उनके वाहन चालक के अलावा श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन और बरखा सोनी को भोपाल से गिरफ्तार कर लिया।
हनी ट्रैप: श्वेता जैन कैमरे पर बोली किसके कहने पर फंसाया
दूसरी टीम कर ली थी तैयार : राजनेता, आईएएस और बड़े अधिकारियों से पहचान बढ़ाने का काम दोनों श्वेता और बरखा करती थीं। उन्होंने अपनी दूसरी टीम तैयार कर ली थी। इनमें आरती, मोनिका, रूपा जैसी युवतियां हैं। यह टीम बड़े लोगों को अपना शिकार बनाती थी और वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करती थी। वीडियो के बदले दोनों श्वेता और बरखा पैसा वसूलने, ठेके दिलवाने, अधिकारियों की मनचाही पदस्थापना जैसे काम कराने लगी थी।
श्वेता जैन कई बार भाजपा के आयोजन में देखी जा चुकी है और राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर तक के नेताओं के संपर्क में थी। बरखा कांग्रेस से जुड़ी थी। उसका पति अमित कांग्रेस के आईटी सेल में पदाधिकारी था। तीन महीने पहले उसे हटाया गया था। नई सरकार बनने के बाद बरखा इस गैंग से जुड़ी थी। अब भाजपा व कांग्रेस के नेताओं ने एक- दूसरे पर आरोप लगाना शुरू कर दिए।