जबलपुर- मध्य प्रदेश के जबलपुर हाईकोर्ट ने शनिवार को अपने ऐतिहासिक फैसले में शासकीय विभागों में आरक्षण पर प्रमोशन दिए जाने संबंधी प्रावधान को अवैध करार दिया है। अदालत ने कहा कि आरक्षण सिर्फ नियुक्ति पर दिया जाएगा।
पिछले दिनों प्रमोशन में आरक्षण संबंधी याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने शनिवार को यह फैसला सुनाया। अदालत ने वर्ष 2002 के बाद के सभी पदोन्नतियों में आरक्षण खत्म कर दिया है।
हाईकोर्ट ने फैसला देते हुए कहा कि नियुक्तियों के दौरान वंचित वर्गों को आरक्षण मिलना सही है, परन्तु प्रमोशन में आरक्षण दिए जाने से योग्य लोगों में नाकारात्मक भाव आता है। इसलिए पदोन्नति प्रक्रिया में सामान्य वर्ग को पीछे रखना किसी भी कोण से न्यायोचित नहीं माना जा सकता।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट के इस फैसले से प्रदेश के करीब 20 हजार से अधिक कर्मचारियों पर असर पड़ेगा। और लगभग इतने ही अधिकारियों को झटका लग सकता है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि उनकी सरकार शासकीय सेवाओं में पदोन्नति में आरक्षण की पक्षधर है। उन्होंने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण समाप्ति के संबंध में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर द्वारा जो निर्णय दिया गया है, उसके विरुद्ध राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी।