मंडला- आदिवासी बाहुल्य मंडला जिला की समृद्ध लोक संस्कृति एवम् लोक कला को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने जिला प्रशासन द्वारा 2 दिवसीय आदि उत्सव का आयोजन 10 एवं 11 अप्रैल को किया गया था । इसी कड़ी में महात्मा गांधी स्टेडियम में आदिवासियों का लोक नृत्य कर्मा की शानदार सामूहिक प्रस्तुति के जरिये गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराने की कोशिश की गयी थी।
आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला ने बताया कि कर्मा नृत्य की प्रस्तुति को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अब अधिकृत रूप से दर्ज कर लिया गया है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के अधिकारियों ने अधिकृत रूप से इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी है जिसमे यह कहा गया है कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के लिए कर्मा नृत्य के दावे को स्वीकार कर लिया गया है। अब अधिकृत रूप से सामूहिक कर्मा नृत्य करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड मंडला के नाम दर्ज हो गया।
उन्होंने इस अवसर पर सभी लोगों को बधाई दी है। जिन्होंने इस करमा नृत्य में अपना पूरा सहयोग दिया और मेहनत में शामिल रहे। इस प्रस्तुति में 3050 स्कूली छात्र – छात्राओं ने एक सी वेशभूषा में सामूहिक कर्मा नृत्य की प्रस्तुति दी थी। उस वक़्त प्रतुति समाप्त होते हो तत्कालीन कलेक्टर लोकेश जाटव को पूरा यकीन था कि यह प्रस्तुति वर्ल्ड रिकॉर्ड में यकीनन दर्ज होगी। यही वजह रही की प्रस्तुति के ख़त्म होते हो वर्ल्ड रिकॉर्ड बनने का जश्न भी शुरू हो गया था और इस ख़ुशी को मानते हुए कलेक्टर सहित सभी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने जमकर कर्मा नृत्य किया जिसमे सेल्फी का भी खूब दौर चला।
कर्म देवता को समर्पित है कर्मा नृत्य
आदि उत्सव के अन्तर्गत 11 अप्रैल को महात्मा गांधी स्टेडियम में आयोजित हुआ कर्मा नृत्य गोंड जनजाति का प्रमुख लोक नृत्य है यह नृत्य कर्म देवता को समर्पित है कर्मा नृत्य पद संचालन एवं गीत पर आधारित है। नई फसल के आने पर आदिवासी भादों के शुक्ल पक्ष में आदिवासी ग्यारस के दिन बड़ा एवं अन्य देवी समेत धरती माता की आराधना के लिए करमा नृत्य खुशी से करते हैं और लोकगीत गाते हैं। इसमें महिला एवं पुरूषों की समान भागीदारी होती है।
आदिवासियों के इस प्रमुख लोक नृत्य को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के मकसद से मंडला के गांधी मैदान में 3050 स्कूली छात्र छात्राओ ने एक साथ परंपरागत वेश भूषा में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराने सामूहिक कर्मा नृत्य प्रस्तुत किया था। यह नृत्य 8 मिनट 13 सेकंड का रहा। नृत्य के समय इसकी पूरी वीडियों रिर्काडिंग एवं फोटोग्राफ्स व दस्तावेज गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड मुख्यालय यूएसए जिला प्रशासन के द्वारा भेजे गए थे। जिसकी तैयारियां करीब एक पखवाड़े से प्रतिदिन सुबह शाम की जा रही थी।
यह आयोजन आदि उत्सव के दौरान पहले रामनगर में होना था, बाद में इसे महात्मा गांधी स्टेडियम में ही कर दिया गया। रिकॉर्ड मैनेजमेंट टीम गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड से आए आधिकारिक मेल में लिखा है कि लार्जेस्ट कर्मा डांस सफलता पूर्वक हुआ है। आप गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड टाईटल होल्डर बन गए हैं। आप को शीघ्र ही पोस्ट से सर्टिफिकेट से प्राप्त होगा। रिकार्ड मैनेजमेंट टीम गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड ने इसकी बधाई भी दी है। गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड के लिए 3050 छात्र-छात्राओं ने एक साथ करमा नृत्य की प्रस्तुति दी थी लेकिन रिकॉर्ड में 3049 छात्र-छात्राओं की संख्या दर्ज की गई है। एक छात्र या छात्रा को क्यों डिसक्वालिफाई किया गया इसकी वजह अभी पता नहीं चल सकी है।
इस तरह की गई थी गणना
विश्व रिकार्ड के लिए प्रस्तुति देने वाले छात्र-छात्राओं की गणना करने के लिए प्रवेश द्वार पर कैमरे लगाए गए थे। इसके साथ ही प्रत्येक बच्चों के हाथ में हरे रंग के रिबन बांधे गए थे। 50-50 बच्चों का सर्किल बनाया गया था। उनके बीच एक स्टेवर्ड था। 61 ग्रुप में 3050 छात्र-छात्राओं ने सामूहिक करमा नृत्य की प्रस्तुति दी गई थी। जिसको रिकार्ड करने कैमरे लगे हुए थे। नियमों के तहत करमा नृत्य की प्रस्तुति कराई गई थी। जिसके तमात दस्तावेज देखने के बाद अंततः बुधवार को मंडला की पहचान विश्व में दिलाने वाला मैसेज आ गया जिसकी पुष्टि मधु अली नोडल अधिकारी ने की। सहायक आयुक्त डॉ संतोष शुक्ला ने भी इस अवसर पर सभी लोगों को बधाई दी है।
जिन्होंने इस करमा नृत्य में अपना पूरा सहयोग दिया और मेहनत में शामिल रहे। नई फसल के आने पर आदिवासी भादों के शुक्ल पक्ष में आदिवासी ग्यारस के दिन बड़ा एवं अन्य देवी समेत धरती माता की आराधना के लिए करमा नृत्य खुशी से करते हैं और लोकगीत गाते हैं। इसमें महिला एवं पुरूषों की समान भागीदारी होती है।
तत्कालीन कलेक्ट ने बताया था भावुक छड़
इस अवसर पर तत्कालीन कलेक्टर लोकेश जाटव ने कहा था कि उनके लिए यह एक भावुक क्षण है महज कुछ दिनों पहले हमने इसका सपना देखा था और आज ये हकीकत में तब्दील हुआ है इसके लिए बच्चों और ट्रेनरों ने कड़ी मेहनत की है गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के मापदंड के अनुरूप समस्त औपचारिक्तये पूरी कर अपना दावा प्रस्तुत कर दिया गया है हमे पूरा यकीन है कि बहुत जल्द इस प्रस्तुति को आधिकारिक रूप से गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कर लिया जायेगा।
उन्होंने बताया था कि भले ही इस नृत्य को केवल 3 हज़ार बच्चों ने प्रस्तुत किया है लेकिन इसके पीछे करीब 10 हज़ार लोगों की मेहनत शामिल है। जिसमे जन प्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी – कर्मचारी, ट्रेनर, टीचर और स्टूडेंट्स के साथ – साथ कई दलों का योगदान रहा । यह ख़ुशी ही थी जो कलेक्टर सहित सभी अधिकारी और जनप्रतिनिधि न सिर्फ थिरके बल्कि उन्होंने मंदर पर भी हाथ आजमाए।
ये बने थे गवाह
गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड बनाने के लिए हुए सामूहिक कर्मा नृत्य के अवसर पर खाद्य मंत्री कुंवर विजय शाह, अनुसूचित जनजाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष शिवराज शाह, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, जिला पंचायत अध्यक्ष संपतिया उइके, विधायक निवास रामप्यारे कुलस्ते, बिछिया विधायक पंडित सिंह, जिला पंचायत उपाध्यक्ष शैलेष मिश्रा, आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव बीआर नायडू, आईजी बालाघाट जोन डीसी सागर, कलेक्टर लोकेश जाटव, पुलिस अधीक्षक एपी सिंह, जिला पंचायत सीईओ डॉ जे विजय कुमार आदि जन न सिर्फ इस करमा नृत्य के साक्षी बने थे बल्कि सभी ने कामयाबी का जश्न मानते हुए ने भी खूब कर्मा नृत्य भी किया था।
@ सैयद जावेद अली