मंदसौर : मप्र में आज फिर एक किसान की आत्महत्या का मामला सामने आया है , मंदसौर जिले के डोरवाड़ी गाँव के किसान लक्ष्मण सिंह उर्फ़ लाल सिंह ने एक सूदखोर से परेशान होकर परसों रात कीटनाशक पी लिया था ,जिसे इलाज के लिए उदयपूर राजस्थान ले गए थे , जहा उसकी मौत हो गई ! 55 साल के लक्ष्मण सिंह को जब पोस्टमार्टम के लिए ले जाने के पहले उसकी तलाशी ली गई तो उसकी जेब से एक सुसाइड नोट मिला , जिसमे लिखा था की वह मंदसौर के कुछ ब्याज खोरो से परेशान हो कर आत्महत्या कर रहा है !
ब्याज का तनाव इतना ज्यादा हो गया है की अब वह परेशान हो गया है और जीना नहीं चाहता ! लक्षमण सिंह को मंदसौर के ब्याज खोर नविन नाहटा और नाकोड़ा पेपर मंदसौर ने ब्याज के फेर में ऐसा फसाया की वह 54हजार रूपये महिना सिर्फ ब्याज का ही देता था ! अब तक लक्ष्मण सिंग इन्हें 14 लाख 50 हजार रूपये डे चुका था जिसमे ब्याज एक रूपये सैकड़ा से शुरू हुआ था और 7 % तक पहुच गया !
चक्रवती ब्याज के इस मकड़ जाल में लक्ष्मण सिंह टूट गया था और अपने सुसाइड नोट में नविन नाहटा और नाकोड़ा पेपर का नाम लिख कर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने की विनती भी मंदसौर एसपी से कर गया ! इधर पुलिस इस मामले में सोसाईट नोट के आधार पर कार्यवाही करने की बात कह रही है ! मंदसौर से नवीन नाहटा और नाकोड़ा पेपर वाले भी संपर्क में नहीं आ रहे है !
एक किसान की मौत सुदखोरी की वजह से हो गई ! कही न कही देश के अधिकतर किसान इन सूदखोर या ब्याजखोरो से बुरी तरह पीड़ित है , जानकारों की माने तो थोड़े से रुपयों का कर्ज धीरे धीरे किसानो की जमीने भी निगल जाता है और ब्याज का पहिया घूमना बंद फिर भी नहीं होता है ! किसानो की साँसे थम जाती है लेकिन ब्याज का मीटर चलता ही रहता है !
लक्ष्मण सिंह ने अपने सुसाइड नोट में साफ लिखा है की उसे परेशान करके आत्महत्या कराने वालो के कीड़े पड़ेंगे , एसपी से उसने न्याय की गुहार भी लगाईं है ! लक्ष्मण का सुसाइड नोट अपने आप में एक कहानी है जो उसका दर्द बया कर रही है जिसे समझ पाना शायद इस सिस्टम या ब्याजखोरो के बस की बात नहीं है
@ प्रमोद जैन