गाड़ासरई- जनपद पंचायत बजाग के अंतर्गत ग्राम पंचायत मझियाखार में सरपंच एवं सचिव की मनमानी के चलतें सभी पंचो ग्राम वासियों को परेशानी हो रही हैं। सचिव सरपंच पंचायत से हमेशा नदारद रहते हैं। जिस कारण पंचायतो के कार्यो में गति नही मिल पा रही है। उनके इस रवैये के चलते सभी को हमेशा परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं।
इसी शिकायत के चलते सभा में सभी पंचो की सहमति से पंचायत का बहिष्कार कर दिया गया। शुक्रवार को सचिव अमर सिंग धुर्वे के द्वारा पंचायत मीटिंग के लिए कल ही जानकारी दी गई थी, जो कि नियम विरूद्ध हैं। नियमनुसार पंचायत की किसी भी सभा की जानकारी एक हफ्ते पहले दी जानी चाहिए, लेकिन सचिव ने गुरूवार को सभी पंचो को जानकारी देकर शुक्रवार को मीटिंग रखी थी जिसमे पंचायत द्वारा किये गए कार्यो का हिसाब किताब किया जाना था पर मीटिंग में खुद सचिवअमर सिंग धुर्वे व् सरपंच गिरिजा शरण नेताम नही पहुचें।
जिससे सभी पंचो ने नाराजगी जताते हुए लिखित पंचनामा बनाकर पंचायत बहिष्कार का ऐलान कर दिया। सभी पंचो का आरोप हैं कि पंचायतों में किये गए कार्यो की उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जाती हैं और सरपंच सचिव विगत वर्ष से मनमाने ढंग से काम करते आ रहे हैं।
पंचो का कहना हैं कि जब तक उप सरपंच कमल किशोर चन्द्रवंशी के द्वारा जन सुनवाई में दिनांक 24,05 2016 को शिकायत क्रमांक 4406 में एक से पच्चीस बिन्दुओ पर दी गई शिकायतों की जाँच व् पंच परमेश्वर की राशि की आय व्यय का हिसाब किताब का व्योरा चैक बुक केश बुक बैंक पासबुक आदि सहित सम्पूर्ण जानकारी जब तक सभी पंचो के सामने जानकारी नहीं दी जायेगी तब तक सभी पंचों के द्वारा ग्राम पंचायत की बैठकों का बहिष्कार किया जाता रहेगा।
वहीँ उप सरपंच कमल किशोर चन्द्रवंशी ने बताया कि पंच परमेश्वर की राशि सात लाख सतततर् हजार छै सौ पचास(777650) तथा मनरेगा के मटेरियल की राशि पांच लाख बारह हजार एक सौ तेरनवे (512193) का भुगतान दिनांक 31,05,2016 तक किया जा चूका हैं,परन्तु ग्राम पंचायत की सामान्य सभा की किसी भी बैठक में इस विषय में प्रस्ताव पारित नही किया गया ना ही पंचो को इस भुगतान के सम्बद्ध में कोई जानकारी दी गई। जिससे सभी पंच आक्रोशित होकर जन सुनवाई में आवेदन प्रस्तुत किया था पर आज तारीख तक इस विषय पर कोई कार्यवाही किसी सम्बंधित अधिकारीयों द्वारा नही की गई हैं तथा जो दिखावे की जाँच कार्यवाही की जा रही है। उस जाँच के नाम पर लोगो को सिर्फ ढांढस बधाया जा रहा है ।
जबकि वास्तविकता तो कोसों दूर है जांच की कार्यवाही संदेस्पद है जिससे शिकायत कर्ता संतुष्ट नजर नही आ रहे है । अब देखना यह है कि कितनी पारदर्शिता से जाँच की जाती है।
रिपोर्ट- @दीपक नामदेव