बंगलूरू के रमादा होटल में ठहरे हुए कांग्रेस के 22 बागी विधायकों ने कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने महानिदेशक से अनुरोध किया है कि उनकी सुरक्षा के मद्देनजर किसी भी कांगेस नेता/सदस्य को उनसे मिलने न दिया जाए।
नई दिल्लीः मध्यप्रदेश में जारी सियासी उठापटक के बीच मंगलवार सुबह कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह बंगलूरू के रामदा होटल के पास बागी विधायकों से मिलने को लेकर धरने पर बैठ गए। जहां से पुलिस ने उन्हें हटाया और थाने लेकर चली गई। उन्हें बंगलूरू पुलिस ने एहतियातन हिरासत में लिया हुआ है। जहां वे भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। उनके साथ मध्यप्रदेश कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा और कांतिलाल भूरिया मौजूद हैं। वहीं कमलनाथ का कहना है कि जरूरत पड़ने पर वह बंगलूरू जा सकते हैं। इसी बीच राज्य सरकार ने तीन नए जिलों के गठन को मंजूरी दे दी है।
कमलनाथ कैबिनेट का बड़ा फैसला
मध्यप्रदेश सरकार ने तीन नए जिलों के गठन को मंजूरी दे दी है। कांग्रेस विधायक काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे। चाचौड़ा, नागदा और मैहर नए जिले बनेंगे।
कांग्रेस के 22 विधायकों ने पुलिस महानिदेशक को लिखा पत्र
बंगलूरू के रमादा होटल में ठहरे हुए कांग्रेस के 22 बागी विधायकों ने कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने महानिदेशक से अनुरोध किया है कि उनकी सुरक्षा के मद्देनजर किसी भी कांगेस नेता/सदस्य को उनसे मिलने न दिया जाए।
कमलनाथ ने दिग्विजय को हिरासत में लेने को बताया हिटलरशाही
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बंगलूरू पुलिस द्वारा हिरासत में लेने को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तानाशाही और हिटलरशाही बताया है। सिंह ने आज बंगलूरू के रामादा होटल के पास धरना दिया था। वह विधायकों से मिलने की मांग पर अड़े थे। जहां से पुलिस ने उन्हें एहतियातन हिरासत में ले लिया।
लालजी टंडन से मिलेगा कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडलट
कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल दोपहर 1.45 बजे मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात ।
बंधक विधायकों से मिलने की दी जाए इजाजत
कमलनाथ से जब पूछा गया कि क्या वह बंगलूरू के रामादा होटल में ठहरे हुए कांग्रेस विधायकों से मिलने के लिए जाएंगे तो उन्होंने कहा, यदि जरुरत पड़ती है तो मैं जरूर जाऊंगा। वहीं ट्वीट के जरिए उन्होंने कथित तौर पर बंधक बनाए गए विधायकों को रिहा करने की मांग की। लोकतांत्रिक मूल्यों, संवैधानिक मूल्यों व अधिकारो का दमन किया जा रहा है। हमारे हिरासत में लिए गए नेताओ को शीघ्र रिहा किया जाए और बंधक विधायकों से मिलने की इजाजत दी जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस विधायक की याचिका पर सुनवाई से किया मना
कांग्रेस के विधायक मनोज चौधरी के भाई की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। याचिका में उन्होंने अपने भाई की रिहाई की मांग की थी। उन्होंने दावा किया कि उनके भाई मनोज के साथ अन्य विधायकों को कर्नाटक के भाजपा और राज्य पुलिस के सदस्यों द्वारा जबरदस्ती कैद में रखा गया है।
दो घंटे बाद दिग्विजय को कहीं और ले जा रही है पुलिस
दो घंटे तक अमरुताहल्ली पुलिस स्टेशन से कहीं और लेकर जा रही है। सिंह ने कहा, ‘मुझे नहीं पता हमें कहा ले जाया जा रहा है। मुझे मेरे विधायकों से मिलने दिया जाना चाहिए। मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं। सरकार भी बचाएंगे और अपने विधायकों को भी वापस लाएंगे।’
पार्टी विधायकों से मिलने आए हैं दिग्विजय
कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा, ‘दिग्विजय सिंह हमारी पार्टी के विधायकों से मिलने आए हैं। एक विधायक ने उनसे फोन के जरिए संपर्क करके उसे मुक्त कराने का अनुरोध किया। पुलिस के पास उन्हें रोकने का कोई अधिकार नहीं है। वे उच्च अधिकारियों से अनुरोध करना चाहते हैं क्योंकि ये लोग मुख्यमंत्री के निर्देशों पर काम कर रहे हैं।’
भूख हड़ताल पर बैठे दिग्विजय
बंगलूरू पुलिस दिग्विजय को अमरुतहल्ली पुलिस स्टेशन लेकर पहुंची है। जहां उन्हें एहतियातन पुलिस हिरासत में रखा गया है। सिंह का कहना है कि वह अब भूख हड़ताल पर हैं। वह रामादा होटल के पास विधायकों से मिलने के लिए धरने पर बैठे हुए थे। जहां से पुलिस ने उन्हे हटा दिया है।
भाजपा सरकार कर रही शक्तियों का दुरुपयोग
कर्नाटक कांग्रेस के कद्दावर नेता डीके शिवकुमार ने कहा, ‘राज्य की भाजपा सरकार शक्तियों का दुरुपयोग कर रही है। हमारी अपनी राजनीतिक रणनीति है। हमें पता है कि इस परिस्थिति को कैसे संभालना है। वह यहां अकेले नहीं हैं। मैं यहां हूं। मुझे पता है कि उनका साथ कैसे देना है, लेकिन मैं कर्नाटक में कानून व्यवस्था को बिगाड़ना नहीं चाहता।’
विधायकों से मिलने नहीं दे रही है पुलिस
दिग्विजय सिंह ने कहा कि पुलिस हमें अपने विधायकों से मिलने नहीं दे रही है। मैं मध्यप्रदेश से राज्यसभा का उम्मीदवार हूं। 26 मार्च को मतदान होना है। मेरे विधायकों को यहां रखा गया है। वे मुझसे बात करना चाहते हैं, उनके फोन छीन लिए गए हैं। पुलिस मुझे यह बोलने नहीं दे रही है कि विधायकों के लिए सुरक्षा का खतरा है।
सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई में कांग्रेस, मप्र सरकार, मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। इस पर चौहान के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, यह लोकतंत्र का उपहास उड़ाने का जीता-जागता उदाहरण है। जानकारी के बावजूद दूसरा पक्ष उपस्थित नहीं है।
इस पर पीठ ने कहा, हमें पहले नोटिस देना होगा। इस पर रोहतगी ने कहा, दूसरा पक्ष देरी ही चाहता है। हालांकि पीठ ने विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति और सीएम कमलनाथ सहित अन्य को जवाब देने का निर्देश दिया। अब इसपर बुधवार सुबह 10:30 बजे इस पर सुनवाई होगी।
बागी विधायकों ने की थी प्रेस कांफ्रेंस
बता दें कि इससे पहले मंगलवार को बंगलूरू में मौजूद बागी कांग्रेसी विधायकों ने मीडिया से बातचीत की। जिसमें उन्होंने कहा कि वह कमलनाथ सरकार की कार्यशैली से खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारे नेता हैं। हम भोपाल लौटने के लिए तैयार हैं लेकिन हमें केंद्रीय सुरक्षा दी जाए।
वहीं भाजपा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम इसपर अभी विचार कर रहे हैं। उन्होंने अपने ऊपर भाजपा द्वारा बंधक बनाए जाने पर कहा कि वह अपनी मर्जी से आए हैं। बागी विधायकों ने कहा, ‘हमें मजबूरी में साथ छोड़ना पड़ा। हम बंधक नहीं हैं, अपनी इच्छा से यहां आए हैं।