जबलपुर- मध्यप्रदेश के जबलपुर क्षेत्र में रेल लाइन के विद्युतीकरण के कार्य में हुए घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दो प्रकरण दर्ज किए जाने के साथ ही 13 शहरों में 23 ठिकानों पर दबिश देते हुए तलाशी अभियान चलाया है।
सीबीआई ने रेलवे के अधिकारियों और विद्युतीकरण का काम कर रही कंपनी से जुड़े लोगों के घर और दफ्तर में छापे मारे। छापे की कार्रवाई जबलपुर स्थित रेल विद्युतीकरण के दफ्तर से लेकर भोपाल, कटनी, सतना, इटारसी, छिंदवाड़ा के अलावा दिल्ली, जयपुर, इलाहाबाद, हरियाणा, आगरा, मथुरा और मुज्जफरनगर समेत 23 ठिकानों पर की गई। इस दौरान अधिकारियों के कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिसमें कई अहम दस्तावेज मिले हैं।
सीबीआई की छापेमारी से एमपी रेलवे के विद्युतीकरण विभाग में हड़कंप मच गया है। घोटाले की जांच कर रही जबलपुर सीबीआई टीम ने शुक्रवार को प्रदेश के कई जिलों सहित उप्र तथा हरियाणा में आरोपियों के 23 ठिकानों पर दबिश दी। इस घोटालें में ठेकेदार कंपनी कोबरा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड सहित रेलवे विभाग के कई अधिकारी शामिल है।
सीबीआई ने संबधित अधिकारियों के खिलाफ दो अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए हैं। सीबीआई के पुलिस अधीक्षक मनीष सुरती के अनुसार, 30 दिसंबर 2015 को सीबीआई ने कायर्पालक विद्युत अभियंता डी.डी. श्रीवास्तव व मुरलीधर कोरी, वरिष्ठ खंड अभियंता मनोज कुमार प्रभाकर व वरिष्ठ खंड अभियंता संजय मीना सहित रेलवे विद्युतीकरण विभाग के चार अधिकारियों और काम का जिम्मा लेने वाली कंपनी कोबरा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दो अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
रेलवे विद्युतीकरण जबलपुर के कार्यपालक विद्युत अभियंता डीडी श्रीवास्तव, वरिष्ठ खंड अभियंता केके खरे और एके तिवारी के अलावा 4 अन्य रेलवे के अधिकारियों के अलावा दिल्ली स्थित कोबरा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की ज्वाइंट वेंचर पर छापेमारी की गई। इन पर सीबीआई ने भारतीय दंड सहिता धारा 120 बी, 420 और धारा 13,2 व 13,1 के तहत भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम पर मामला दर्ज किया गया।