मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री रूस्तम सिंह शुक्रवार को यह कहकर विवादों में आ गए कि केवल कोई पत्नी ही बता सकती है कि उसका पति नपुंसक है या नहीं।
मध्य प्रदेश के रीवा क्षेत्र में पुरुषों में बढ़ती नपुंसकता को लेकर मीडिया की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में सिंह ने शुक्रवार को यहां विधानसभा परिसर में कहा, हम कैसे बता सकते हैं कि कोई पुरुष नपुंसक है या नहीं। यह तो केवल पत्नी ही बता सकती है। उन्होंने कहा कि कोई पुरुष कभी भी नहीं बताएगा कि वह नपुंसक है।
उनसे सवाल किया गया था कि सरकार कैसे पता लगाएगी कि कोई पुरुष नपुंसक है या नहीं। सिंह ने कहा कि किसी व्यक्ति में शुक्राणु कम हो गए हैं तो ये डॉक्टर बताएगा और अगर किसी व्यक्ति में नपुंसकता है तो ये सिर्फ उसकी पत्नी ही बता सकती है।
उन्होंने कहा कि सरकार के पास नपुंसकता रोकने के लिए कोई कार्य योजना नहीं है। सिंह ने कहा, मुझे हैरानी है कि रीवा जिले के गुढ़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के कांग्रेस विधायक सुंदरलाल तिवारी ये बात कैसे जानते हैं कि कौन सा व्यक्ति नपुंसक है और कौन नहीं।
शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक सुंदरलाल तिवारी ने सवाल उठाया था कि क्या मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश में पुरुषों में शुक्राणुओं की हो रही कमी एवं नपुंसकता की बढ़ रही संख्या के सुधार के बाबत कोई कार्य योजना तैयार की है। उन्होंने रीवा क्षेत्र के पुरुषों में नपुंसकता बढ़ने पर चिंता जाहिर की थी।
इस पर सिंह ने कहा कि पुरुषों में शुक्राणुओं की हो रही कमी एवं नपुंसकता की बढ़ रही संख्या के सुधार के लिए प्रदेश सरकार की कोई कार्य योजना तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि महिला स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से निसंतान दंपति का पता लगाया जाता है।
रीवा संभाग के अंतर्गत 126 व्यक्ति चिह्नित किए गए हैं। इसी बीच, मध्य प्रदेश कांग्रेस विचार विभाग के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा, ऐसा बयान देना एक मंत्री के लिए अशोभनीय है। यह असभ्यता एवं बदतमीजी है। मैं इसकी निंदा करता हूं।
गुप्ता ने कहा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ऐसे असभ्यता से बात करने वाले मंत्री को मंत्रिमंडल से तुरंत बाहर कर देना चाहिए। उन्होंने बताया कि रूस्तम सिंह ने यह असभ्य बयान रीवा के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भी दिया है।