भोपाल : मध्य प्रदेश में चल रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर बड़ी खबर आ रही है। मध्य प्रदेश विधानसभा ने बहुमत से अशासकीय संकल्प पारित किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह संकल्प पेश किया था। इसमें कहा गया है कि OBC रिजर्वेशन के बिना पंचायत चुनाव नहीं कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री के इस अशासकीय संकल्प को गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने समर्थन किया। मध्य प्रदेश सरकार ने OBC रिजर्वेशन पर रोक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। इस पर जल्द सुनवाई के लिए सरकार आग्रह करेगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि आज (गुरुवार को) सदन में मैंने यह संकल्प रखा है। इसमें कहा गया है कि यह सदन संकल्प करता है कि बिना पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के पंचायत चुनाव न कराए जाए। हम पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए, नगरीय निकाय के चुनाव में OBC आरक्षण के लिए संकल्पबद्ध है। हम OBC आरक्षण के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। कांग्रेस ढोंग और पाखंड कर रहे हैं। सरकार का संकल्प है कि सब समाज को साथ लेकर आगे बढ़ते जाना है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि सरकार ने संकल्प पेश किया है और यह पारित हो गया है तो अब यह सरकार की जिम्मेदारी है कि किसी भी हाल में बिना OBC आरक्षण के पंचायत चुनाव न हो।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि पंचायत चुनाव में कांग्रेस ने महापाप किया है। रोटेशन के नाम पर आरक्षण का विरोध करने पहले हाईकोर्ट गए। कांग्रेस के लोग चुनाव नहीं चाहते थे। हाईकोर्ट ने चुनाव रोकने से इनकार किया तो सुप्रीम कोर्ट गए। सुप्रीम कोर्ट ने फिर हाईकोर्ट भेजा। वहां भी चुनाव स्थगित नहीं हुए तो वे दोबारा सुप्रीम कोर्ट गए। येन-केन प्रकारेण चुनाव न हो और OBC को आरक्षण का लाभ न मिले, इनके प्रयास थे। पहले तो खुजा लिया, अब घाव हो गया तो चिल्ला रहे हैं। अब पिछड़ा वर्ग का हितैषी होने का नाटक कर रहे हैं। भाजपा की सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। सुप्रीम कोर्ट में हमने पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई के लिए हम निवेदन कर रहे हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिए बगैर पंचायत चुनाव होना प्रदेश और अन्य पिछड़ा वर्ग के हित में नहीं है। ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जहां से प्रदेश को बाहर निकालना है।
इससे पहले प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने दावा किया कि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार पूरी ईमानदारी के साथ पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि OBC आरक्षण को लेकर कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर हो गया है। कांग्रेस ने पहले दिन से ही कोशिश की है कि OBC वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण न मिले। इस मामले में कांग्रेस ने पांच बार हाईकोर्ट और दो बार सुप्रीम कोर्ट में रिट लगाई। कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में यह रोक लगवाने के लिए अपने सांसद विवेक तन्खा को भेजा। जब सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सुनने से इनकार किया तो विवेक तन्खा ने महाराष्ट्र के गवली केस का जिक्र कर दिया। तन्खा के तर्कों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव में OBC वर्ग को 27% आरक्षण देने पर रोक लगाई है।