भोपाल – लंबे समय के बाद शनिवार रात से मेहरबान हुए मानसून ने भोपाल, इंदौर और उज्जैन संभाग को तरबतर कर दिया। उज्जैन में बारिश ने 24 घंटे के भीतर 17.5 इंच का रिकॉर्ड पूरा कर दिया। उधर मौसम विभाग के निदेशक अनुमप काश्यपी के अनुसार अगले 48 घंटों में इंदौर, देवास और उज्जैन में भारी बारिश की संभावना है। वहीं निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है। ज्ञात हो की प्रदेश में पहले कमजोर मानसून के चलते मंदिरों-मस्जिद में बारिश के लिए दुआओं का दौर शुरू था वही अब भारी बारिश के नुकसान से बचने के लिए प्रथानो का सिलसिला शुरू हो गया है।
सोमवार सुबह उज्जैन, देवास, इंदौर, शाजापुर, आगर-मालवा और खरगोन में बारिश का दौर जारी रहा। कहीं रुक-रुक कर तो कहीं तेज बारिश होती रही। उज्जैन सोमवार से ही बाढ़ के हालात हो गए हैं। बारिश ने कई इलाकों को टापू में तब्दील कर दिया। निचली बस्तियां जलमग्न हो गईं तो पॉश कॉलोनियों में भी घरों में कमर तक पानी भरा गया।
सीहोर, रेहटी, नसरुल्लागंज, बुधनी और शाहगंज में रात से हो रही बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात बन गए है। बुधनी-भोपाल, शाहगंज-भोपाल मार्ग बंद हो गया है। नसरुल्लागंज में घरों में पानी भरने से लोगों को घरों की छतों पर रात बितानी पड़ी।
शिप्रा भी उफान पर है और खतरे के निशान से चंद फीट नीचे बह रही है। इधर, ट्रैक पर पानी जमा होने से रेलवे ने 14 ट्रेनों को निरस्त कर दिया। निमाड़ पर मानसून कम मेहरबान है। एक जून से रविवार सुबह तक प्रदेश में औसत 294 मिमी बारिश हो चुकी है। यह सामान्य(305.1) से 4 प्रतिशत कम है।