नई दिल्ली : देश की सर्वोच्च संस्था यानी संसद में अब माननीय औने-पौने दामों में लजीज खाने का आनंद नहीं उठा सकेंगे।
संसद की कैंटीन में मिलने वाले भोजन पर सब्सिडी खत्म कर दी गई है। इस फैसले से सरकार को हर साल 17 करोड़ रुपये की बचत होगी। फैसले का सभी दलों ने समर्थन किया है।
अभी तक संसद की कैंटीन में सांसदों को सस्ता भोजन मिले इसके लिए सरकार की तरफ से हर साल सालाना 17 करोड़ की सब्सिडी प्रदान की जाती है।
संसद में अभी तक वर्तमान सांसदों के अलावा पूर्व सांसदों को भी इस सुविधा का लाभ मिलता था।
वहीं, संसद के अधिकारियों के अलावा जो लोग यहां विजिटर के तौर पर आते थे उन्हें भी सस्ते रेट पर खाना मिलता था। लेकिन अब ऐसा संभव नहीं होगा।
अभी तक यहां सांसदों को 5 रुपये में कॉफी, 50 रुपये में चिकन डिश और 35 रुपये में वेज थाली मिलता था।
इसके साथ ही यहां 6 रुपये में बटर ब्रेड, 2 रुपये की रोटी, 60 रुपये में चिकन तंदूरी, 65 रुपये में बिरयानी और 40 रुपये में मछली मिलता था। अब सब्सिडी खत्म होने के बाद इन सभी डिश के दाम बढ़ जाएंगे।
बता दें कि संसद में सस्ते खाने का मामला साल 2015 में सबसे पहले चर्चाओं में आया था। संसद की कैंटीन में मिलने वाले भोजन पर अस्सी प्रतिशत तक की छूट दी जाती है। लेकिन बीते कुछ सालों से विभिन्न दलों के सदस्यों ने इस छूट को लेकर सवाल उठाए थे। माना जा रहा है कि इसके चलते ही है यह कदम उठाया गया है।