कटक टी-20 में हार के बाद टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने हार का ठीकरा बल्लेबाजों पर फोड़ा है। यही नहीं अन्य बल्लेबाजों के साथ- साथ धोनी ने खुद को भी इस हार के लिए जिम्मेदार बताया है ।
बतौर बल्लेबाज धोनी ने कहा कि वो समय के साथ अपने खेल में रफ्तार नहीं ला पाए जिसका खामियाजा टीम को चुकाना पड़ा। जानकारों का मानना है कि अगर ये बात धोनी पहले समझ जाते और आराम के बीच थोड़ा मैदान पर पसीना ही बहा लेते तो ये दिन शायद नहीं देखने को मिलता।
टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद धोनी को अपने करियर में पहली बार एक लम्बी छुट्टी मिली या फिर यूं कहिए जाने का मौका हाथ लगा क्योंकि बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज के बाद कोहली की अगुवाई में टीम इंडिया 3 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए श्रीलंका गई थी।
गौरतलब है कि धोनी की अगुवाई में 24 जून 2015 को भारतीय टीम ने बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज का आखिरी मैच खेला था और उसके बाद 2 अक्टूबर को टीम इंडिया ने धोनी के नेतृत्व में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहला टी-20 मैच खेला। इससे साफ है कि धोनी को कुल 99 दिन आराम करने का पूरा मौका मिला।
अब धोनी खुद यह कह रहे हैं कि उन्हे अपने खेलने के अंदाज में बदलाव करना होगा लेकिन, अहम सवाल ये है कि क्या धोनी ने अफ्रीका सीरीज से पहले अपनी तैयारियों को गंभीरता से लिया जिससे वह अपने पुरानी लय को पा सकें।