साल 2005 में हुई भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्या मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए सभी पांचों आरोपियों को बरी कर दिया है। सीबीआई कोर्ट ने बीएसपी विधायक मुख्तार अंसारी, मुन्ना बजरंगी समेत पांच लोगों को बरी कर दिया है। भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की साल 2005 में एके-47 से भूनकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के आरोप से बरी हुए पांचों लोगों में मुन्ना बजरंगी की पिछले साल जेल में हत्या कर दी गई थी।
क्या था मामला ?
गाजीपुर मे 29 नवंबर 2005 की शाम भांवरकोल क्षेत्र के बसनिया पुलिया के पास अपराधियों ने स्वचालित हथियारों से भाजपा विधायक कृष्णानंद राय व उनके छह साथियों मुहम्मदाबाद के पूर्व ब्लाक प्रमुख श्यामाशंकर राय, भांवरकोल ब्लाक के मंडल अध्यक्ष रमेश राय, अखिलेश राय, शेषनाथ पटेल, मुन्ना यादव व उनके अंगरक्षक निर्भय नारायण उपाध्याय की हत्या कर दी।
जब विधायक कृष्णानंद राय का काफिला बसनिया चट्टी से आगे बढ़ा। उसी समय घात लगाकर बैठे अपराधियों ने अचानक उनके काफिले पर अंधाधुंध गोलियों की बौछार कर दी। कहते हैं कि हमलावरों ने 6 एके-47 राइफलों से 400 से ज्यादा गोलियां चलाई थीं। मारे गए सातों लोगों के शरीर से 67 गोलियां बरामद की गईं। यही नहीं मुखबिरी इतनी सटीक थी कि अपराधियों को पता था कि कृष्णानंद राय अपने बुलेट प्रूफ वाहन में नहीं हैं।
7 शवों से बरामद हुई थीं 67 गोलियां
स्वचालित हथियारों से हुई गोलीबारी में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय व उनके छह साथियों को छलनी कर दिया गया था। सभी सात शवों से 67 गोलियां निकली थीं। कहते हैं कि हमलावरों ने 6 एके-47 राइफलों से 400 से ज्यादा गोलियां चलाई थीं। मारे गए सातों लोगों के शरीर से 67 गोलियां बरामद की गईं। यही नहीं मुखबिरी इतनी सटीक थी कि अपराधियों को पता था कि कृष्णानंद राय अपनी बुलेट प्रूफ वाहन में नहीं हैं।
प्रदेश के बाहर सुनवाई हुई
कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था। बाद में अलका राय की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। उन्होंने आशंका व्यक्त करते हुए कहा गया था कि अपराधियों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है।ऐसे में सुनवाई के दौरान गवाहों के जान का भय बना हुआ है। इसलिए पूरे मामले की सुनवाई गैर प्रदेश की कोर्ट में की जाए। अलका राय के वकील की दलीलों से सहमत होते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर से पूरे प्रकरण की सुनवाई गैर प्रदेश की कोर्ट में करने की मंजूरी दे दी गई।
बीजेपी मनाती है बलिदान दिवस
उत्तर प्रदेश भाजपा द्वारा अपने विधायक कृष्णानंद राय के बलिदान को याद करने के लिए हर साल 29 नवंबर को शहादत दिवस मनाया जाता है। तब से अब तक स्व. कृष्णानंद राय व उनके सहयोगियों को याद करने के लिए शहीद पार्क मुहम्मदाबाद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाता है। स्व.कृष्णानंद राय की प्रथम पुण्यतिथि उनके पैतृक गांव गोड़उर में मनाई गई थी। इसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण अडवाणी, राजनाथ सिंह सहित कई दिग्गजों ने शिरकत की थी।
आरोपी रहे फिरदौस और मुन्ना बजरंगी की हो चुकी है हत्या
इस हत्याकांड में पूर्व सांसद अफजाल अंसारी, मउ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी, माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी, अताउर रहमान उर्फ बाबू, संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा, फिरदौस, राकेश पांडेय उर्फ हनुमान, मुहम्मदाबाद नगर पालिका चेयरमैन एजाजुल हक सहित अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था। फिरदौस मुंबई में पुलिस मुठभेड़ में अौर मुन्ना बजरंगी जेल में मारा जा चुका है।
राजनाथ ने संभाली आंदोलन की कमान, अटल जी भी पहुंचे थे
कृष्णानंद राय की हत्या के बाद आंदोलन की कमान भाजपा नेता राजनाथ सिंह संभाले हुए थे। तत्कालीन सपा सरकार अपनी प्रदेश की एजेंसी से और भाजपा सीबीआई से जांच पर अड़ी थी। कृष्णानंद राय की हत्या की सीबीआई जांच की मांग करते हुए राजनाथ सिंह ने वाराणसी जिला मुख्यालय पर अनशन शुरू कर दिया था। तब की सपा सरकार ने जांच से इंकार कर दिया और राजनाथ सिंह का धरना आमरण अनशन में बदल गया था। राजनाथ सिंह के धरने से पूर्वाचल से लेकर दिल्ली तक भाजपा के तमाम कद्दावर राजनेताओं में बेचैनी मच गई थी। इसी बीच भाजपा ने उत्तर प्रदेश में न्याय यात्रा निकालने का निर्णय लिया।
पंद्रह दिन तक राजनाथ सिंह के बेमियादी धरने व न्याय यात्रा को हरी झंडी दिखाने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी 14 दिसंबर 2005 को बनारस पहुंचे। जिला मुख्यालय पर सभा के बाद सपा के जंगलराज के खिलाफ न्याय यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना किया। अटल बिहारी वाजपेयी को सुनने के लिए उस समय जन सैलाब उमड़ पड़ा था। अटल बिहारी ने यहां तक कह दिया था कि अब यूपी में निर्णायक जंग होगी। हत्याओं का तांता लग गया है, जान की कोई कीमत नहीं रह गई है। यह सरकार रहेगी तो हत्याएं होती रहेंगी। अब परिवर्तन का समय आ गया है, हत्याओं की सूची रोकनी होगी।