मुंबई : मुंबई में 1993 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में विशेष टाडा अदालत ने अबू सलेम और मुस्तफा डोसा को दोषी करार दिया है। इससे पहले अभियोजन पक्ष ने आरोप सिद्ध किए। आपको बता दें कि 12 मार्च 1993 में मुंबई में 12 सिलसिले बार बम धमाके हुए थे, जिसमें 257 लोगों की जाने चली गई थी और 700 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।
मुंबई ब्लास्ट केस में टाडा कोर्ट अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम समेत सात दोषियों की सजा पर फैसला सुना रही है। सलेम के अलावा जिन 6 दोषियों को सजा सुनाई जाएगी उनमें मुस्तफा दौसा, फिरोज खान, ताहिर मर्चेट, रियाज सिद्दीकी, करीमुल्ला शेख और अब्दुल कयूम शामिल है।
आपतों बता दे की इस मामले में टाडा कोर्ट ने पहले ही 100 आरोपियों दोषी करार दे चुकी है, जिसमें फिल्म अभिनेता संजय दत्त भी शामिल है। ट्रायल के दौरान मुंबई पुलिस और भारत सरकार ने अंडरव्लर्ड डॉन अबु सलेम को पुर्तगाल से और अंडरव्लर्ड डॉन मुस्तफा डोसा को दुबई के प्रत्यपर्णन करा कर भारत लाई थी। अबु सलेम के उपर आरोप है की उसने ही हथियारों का जकिरा संभाला था और उसी में से हथियार फिल्म अभिनेता संजय दत्त को दिए थे।
अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम पर मुंबई धमाकों के लिए एक्सप्लोसिव को मुंबई के ठिकानों पर पहुंचाने का आरोप है। साथ ही उस पर अभिनेता संजय दत्त के घर जाकर एके-47 राइफल और हथगोले देने का भी आरोप है. वहीं मुस्तफा दौसा पर आरोप है कि उसने धमाके के लिए मुंबई के समुद्र के किनारे आरडीएक्स और दूसरे एक्सप्लोसिव्स उतरवाए थे।
रियाज सिद्दीकी पर आरडीएक्स से भरी मारूति वैन को गुजरात के भरूच में अबू सलेम के हवाले करने का आरोप है। फिरोज और करीमउल्लाह पर धमाके के सामान पहुंचाने का आरोप है। जबकि मोहम्मद ताहिर मर्चेंट पर धमाके में शामिल कई अभियुक्तों को ट्रेनिंग के लिये पाकिस्तान भेजने का आरोप है। वहीं अब्दुल कय्यूम पर भी संजय दत्त को हथियार पहुंचाने का आरोप है। धमाकों के लिए तीन हजार किलो से ज्यादा का आरडीएक्स समुद्र के रास्ते मुंबई पहुंचा था लेकिन केवल दस फीसदी का ही इस्तेमाल हुआ था।
मुंबई धमाकों की लगातार चली सुनवाई के बाद सबसे अहम फैसला साल 2006 में आया था। टाडा कोर्ट ने 123 अभियुक्तों में सौ लोगों को सजा सुनाई थी, जबकि 23 लोगों को बरी कर दिया था. धमाकों के वांटेड टाइगर मेमन के भाई याकूब मेमन को इसी फैसले में सजा सुनाई गई थी। याकूब मेमन को 30 जुलाई 2015 को महाराष्ट्र के यरवडा जेल में फांसी दी गई थी।
लेकिन सात दूसरे अभियुक्तों पर फैसला नहीं हो सका था क्योंकि इनको साल 2002 के बाद विदेश से प्रत्यर्पित कराना पड़ा था। इन सातों अभियुक्तों पर अलग से सुनवाई शुरु की गई थी। अदालत का मानना था कि इन सातों की सुनवाई भी एक साथ करने से फैसला आने में देर हो सकता है। तभी टाडा कोर्ट ने मुंबई ब्लास्ट केस को दो हिस्सों में बांटा था।
साल 1993 में मुंबई में कुल 12 जगहों पर धमाके हुए थे। धमाकों की वजह से 257 लोगों की जानें गई थी। धमाकों की साजिश सीमा पार से अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, टाइगर मेमन, मोहम्मद दौसा और दूसरे साथियों ने की थी।
1993 में मुंबई पुलिस ने अदालत में दस हजार पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था जिसमें 189 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। इनमें मुख्य अभियुक्त दाऊद इब्राहिम और टाइगर मेमन हैं। कुल 27 अभियुक्त अभी तक फरार हैं।