मुंबई- मुंबई के पश्चिमी उपनगर कांदिविली के एक बंगले से 28 बच्चों को रिहा करवाया गया, जिसमें 12 नाबालिग हैं। पुलिस को सूचना मिली थी कि बंगले में पूजा-पाठ के नाम पर बच्चों का शोषण हो रहा है, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की।
मामले में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। पुलिस के मुताबिक उन्हें शिकायत मिली थी कि पूजा-पाठ सिखाने वाले बच्चों को धार्मिक रीति-रिवाज के नाम पर शारीरिक और मानसिक यातनाएं देते थे।
समता नगर पुलिस थाने की इंस्पेक्टर सुनयना नाटे के मुताबिक बंगले में बंद लोगों में से किसी तरह एक बच्चे ने अपने परिवार को खबर भेजी, जिसके बाद उसके परिजनों ने एक सामाजिक संस्था को संपर्क किया, पुलिस को जानकारी देने के बाद बंगले पर छापा मारकर सबको रिहा करा लिया गया।
कांदिवली में स्थित इस बंगले को चारों ओर से हरे पर्दे से ढककर रखा गया था। सामाजिक संस्था संभव से जुड़े राजीव चौधरी ने बताया कि कई बच्चों को एक पैर पर खड़ा रखकर पूजा कराई जाती थी। उन्हें बात ना मानने पर कई दिनों खाना नहीं दिया जाता था। और भी कई तरीके से उन्हें प्रताड़ित किया जाता था।
पुलिस ने इस मामले में भगवानदास तिवारी और देवेंद्र मनोज पांडे नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक छुड़ाये गये ज्यादातर बच्चे छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के हैं। कहानी के बाकी पहलुओं को समझने के लिए पुलिस बंगले के मालिक से भी पूछताछ कर सकती है।