बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान की फिल्म ‘रॉ-वन’ का एक गाना है जिसमें ‘छम्मकछल्लो’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। इस शब्द की वजह से शाहरुख का गाना तो हिट हो गया, लेकिन असल जिंदगी में इस शब्द का इस्तेमाल करना आपको कानूनी परेशानी में फंसा सकता है।
ठाणे की एक अदालत ने कहा है कि इस शब्द का इस्तेमाल करना ‘एक महिला का अपमान करने’ के बराबर है। एक मजिस्ट्रेट ने पिछले सप्ताह शहर के एक निवासी को ‘अदालत के उठने तक’ साधारण कैद की सजा सुनाई थी और उस पर एक रुपए का जुर्माना लगाया था। आरोपी के एक पड़ोसी ने उसे अदालत में घसीटा था।
पड़ोसी महिला की शिकायत के अनुसार, नौ जनवरी 2009 को जब वह अपने पति के साथ सैर से लौट रही थी, तब उसे एक कूड़ेदान से ठोकर लग गई।
महिला ने कहा कि यह कूड़ेदान आरोपी ने सीढ़ियों पर रखा था। आरोपी इस दंपति पर चिल्लाने लगा और उन्हें कई चीजें कहने के बीच उसने महिला को ‘‘छम्मकछल्लो’’ कहकर पुकारा।लीवुड स्टार शाहरुख खान की फिल्म ‘रॉ-वन’ का एक गाना है जिसमें ‘छम्मकछल्लो’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। इस शब्द की वजह से शाहरुख का गाना तो हिट हो गया, लेकिन असल जिंदगी में इस शब्द का इस्तेमाल करना आपको कानूनी परेशानी में फंसा सकता है।
ठाणे की एक अदालत ने कहा है कि इस शब्द का इस्तेमाल करना ‘एक महिला का अपमान करने’ के बराबर है। एक मजिस्ट्रेट ने पिछले सप्ताह शहर के एक निवासी को ‘अदालत के उठने तक’ साधारण कैद की सजा सुनाई थी और उस पर एक रुपए का जुर्माना लगाया था। आरोपी के एक पड़ोसी ने उसे अदालत में घसीटा था।
पड़ोसी महिला की शिकायत के अनुसार, नौ जनवरी 2009 को जब वह अपने पति के साथ सैर से लौट रही थी, तब उसे एक कूड़ेदान से ठोकर लग गई। महिला ने कहा कि यह कूड़ेदान आरोपी ने सीढ़ियों पर रखा था। आरोपी इस दंपति पर चिल्लाने लगा और उन्हें कई चीजें कहने के बीच उसने महिला को ‘‘छम्मकछल्लो’’ कहकर पुकारा।
इस शब्द से गुस्साकर महिला ने पुलिस से संपर्क किया लेकिन पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इंकार कर दिया। तब महिला ने अदालत का रुख किया। आठ साल बाद, न्यायिक मजिस्ट्रेट आर टी लंगाले ने उनके मामले को उचित ठहराते हुए कि आरोपी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 509 (शब्द, इशारे या किसी गतिविधि से महिला का अपमान) के तहत अपराध किया है।
मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कहा, ‘यह एक हिंदी शब्द है। जिसकी अंग्रेजी नहीं है। भारतीय समाज में इस शब्द का अर्थ इसके इस्तेमाल से समझा जाता है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल किसी महिला का अपमान करने के लिए किया जाता है। यह किसी की तारीफ करने का शब्द नहीं है, इससे महिला को चिढ़ होती है और उसे गुस्सा आता है।’