मुंबई- मुंबई हाजी अली दरगाह में भूमाता ब्रिगेड एक्टिविस्ट तृप्ति देसाई का विरोध किया जा रहा है ! तृप्ति गुरुवार को हाजी अली दरगाह पहुंच गई हैं ! वहां पर उन्हें विरोध का सामना करना पड़ रहा है ! अवामी पार्टी के कार्यकर्ता विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं ! पुलिस ने तृप्ति को तय स्थान पर रुकने नहीं दिया !
विभिन्न संगठनों ने भी हाजी अली पहुंचकर उनके पक्ष में प्रदर्शन शुरू कर दिया है ! ‘हाजी अली’ सबके लिए नारे लगाए जा रहे हैं ! ‘हम क्या चाहें आजादी, दादागीरी नहीं चलेगी’ आदि नारे वहां लगाए जा रहे हैं !
बता दें कि शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं को एंट्री दिलाने के बाद भूमाता ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति देसाई ने अब मुंबई की हाजी अली दरगाह का रुख किया है ! मुस्लिम महिलाओं को दरगाह में इबादत का समान हक दिलाने के लिए तृप्ति आज मुंबई दरगाह हाजी अली में जाने को तैयार हैं ! उनके इस कदम के विरोध में एमआईएम और दूसरे धार्मिक संगठन एक साथ हो गए हैं !
आपको बता दें कि मुस्लिम धर्मगुरु भूमाता ब्रिगेड की इस मुहिम से खासे नाराज हैं। मुस्लिम धर्मगुरु खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार सबको है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि जिस भी धर्म के कायदे हैं उसको नही मानेंगे। हमें ये नियम मानने चाहिए। किसी भी इबादतगाह के नियम होते हैं और उनको मानना चाहिए। ये हमारी गंगा जमनी तहज़ीब के लिए खतरनाक है।
पहली महिला काजी हिना जहीर ने भी कहा कि महिलाएं बहुत जगह पिछड़ी हुई हैं। उनकी उन्नति की बात करनी चाहिए। उनके अधिकारों की बात करनी चाहिए न कि धार्मिक संस्थानों में, मंदिर में, मस्जिद में इस तरह के विरोध प्रदर्शन। मैं तृप्ति देसाई का विरोध करती हूं।
हाजी अली में भूमाता ब्रिगेड की एंट्री रोकने के लिए पुलिस का खासा बंदोबस्त किया गया है। इसके अलावा भूमाता ब्रिगेड को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग भी की। ये तमाम बंदोबस्त इसलिए हुए क्योंकि कुछ राजनेताओं की प्रतिक्रिया काफी तल्ख थी।
एमआईएम के नेता हाजी रफत हुसैन ने कहा कि तृप्ति अगर मुसलमानों पर अंगुली उठाएंगी तो एक भी मुसलमान इसे बर्दाश्त नही करेगा। अगर जबरदस्ती घुसने की कोशिश की तो उनके मुंह पर हम कालिख लगाएंगे। समाजवादी पार्टी के विधायक अबु आजमी ने कहा कि सस्ती शोहरत के लिए तृप्ति ये सब कर रही हैं। अगर वे दरगाह के अंदर आईं तो उन्हें धक्के मारकर निकाल दिया जाएगा। आजमी ने तो कोर्ट तक को नसीहत दे दी कि ऐसी चीजों में हाईकोर्ट को भी हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। मैंने अपनी महिला ब्रिगेड से कहा है कि चाहे उनको धक्के मारने पड़ें लेकिन बाहर निकला जाए।