भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आचार-संहिता के उल्लंघन का दोषी पाए जाने के बाद मुम्बई के क्रिकेट खिलाड़ी हिकेन शाह को सोमवार को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया।
बोर्ड ने कहा है कि हिकेन ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की एक टीम से जुड़े प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने वाले साथियों में से एक से ‘भ्रष्ट’ मानसिकता के साथ सम्पर्क किया था। हिकेन ने अब तक 37 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं। वह छह-छह लिस्ट ए और टी-20 मैच भी खेल चुके हैं। हिकेन ने प्रथम श्रेणी मैचो में 6 शतक और 8 अर्धशतकों की मदद से 2160 रन बनाए हैं।
हिकेन ने 2006-07 सत्र में मुम्बई के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया था। टीम में जगह पक्की नहीं होते देख हिकेन ने 2009-10 सत्र में जम्मू एवं कश्मीर का रुख किया था। नवम्बर 2012 में हिकेन ने इंग्लैंड के खिलाफ 92 रनों की उम्दा पारी खेली थी। 2012-13 सत्र में वह मुम्बई के लिए फिर से खेले और ढेरों रन बनाए। खराब प्रदर्शन के कारण हालांकि 2014-15 सत्र के लिए उन्हें टीम में जगह नहीं मिली।
बीसीसीआई ने सोमवार को जारी बयान में कहा, “बीसीसीआई की अनुशासन समिति द्वारा आदेश जारी किए जाने तक हिकेन पर किसी भी स्तर पर क्रिकेट खेलने पर प्रतिबंध लगाया जाता है।
हिकेन ने जिस खिलाड़ी से सम्पर्क किया था, उसने इसकी जानकारी अपनी फ्रेंचाइजी को दी। फ्रेंचाइजी ने इसकी जानकारी बीसीसीआई की भ्रष्टाचार निरोधी इकाई को दी। इस इकाई ने तत्काल इस मामले पर जांच की, जिसमें हिकेन को दोषी पाया गया।
बयान में कहा गया है, “विस्तृत जांच के बाद हिकेन को बीसीसीआई एंटी करप्शन कोड फॉर पार्टिसिपेंट्स की धारा 2.1.1, 2.1.1 और 2य1य4 के उल्लंघन का दोषी पाया गया। इसके बाद इसकी जानकारी बीसीसीआई अध्यक्ष को दी गई। “
बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने कहा कि ऐसे मामलों पर बोर्ड का रवैया बिल्कुल साफ है और बोर्ड ऐसे मामलों को कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता। बोर्ड अध्यक्ष ने फिक्सिंग से जुड़े इस मामले पर त्वरित कार्रवाई की और हिकेन को निलम्बित करने का फैसला सुनाया। साथ ही उन्होंने मामले की जांच का भी आदेश दिया।
बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने कहा है कि बोर्ड ने भ्रष्टाचार को लेकर जो शिक्षा अभियान शुरू किया था, इस घटना के बाद उसके सफल होने का संकेत मिलता है। जिस खिलाड़ी ने हिकेन के बारे में बोर्ड और एसीयू को बताया वह काफी जागरूक था और उसके जागरूक रहने के कारण ही हिकेन का दोष सामने आ सका।