भोपाल– मध्य प्रदेश में भाजपा ने निकाय चुनावों में भारी जीत दर्ज की है। केंद्र और राज्य की सत्ता में बैठी भाजपा ने यहां पर हरदा, मांडू और अमरकंटक निकाय चुनाव एकतरफा अंदाज में जीत लिए हैं। हरदा निकाय चुनाव में भाजपा ने 35 में से 30 सीटों पर विजयी हासिल की।
वहीं कांग्रेस केवल चार सीट पर सिमट गई। एक सीट निर्दलीयों के खाते में गई है। यहां पर नगरपालिका अध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने कांग्रेस उम्मीदवार को 12 हजार से ज्यादा मतों से शिकस्त दी। वहीं धार जिले की मांडू में भी भाजपा को कामयाबी मिली है। यहां 15 में से 12 सीटें उसके खाते में गई है। कांग्रेस को केवल तीन सीटों से संतोष करना पड़ा।
अनूपपुर जिले की अमरकंटक नगर परिषद भी भाजपा के पाले में गया है। यहां पर भाजपा के 11 उम्मीदवार विजयी हुए। कांग्रेस के तीन और एक निर्दलीय ने जीत दर्ज की है।
हरदा नगर पालिका सहित प्रदेश की अमरकंटक और मांडू नगर परिषद चुनाव के लिए मतगणना हुई। जिसमें हरदा नगर पालिका में अध्यक्ष पद पर भाजपा के सुरेंद्र सिंह ने जीत दर्ज की। वहीं मांडू नगर परिषद में भाजपा की मालती गावर और अमरकंटक में प्रभा पनारिया ने अध्यक्ष पद के लिए चुनी गईं।
हरदा:
भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र जैन ने कांग्रेस के हरिमोहन शर्मा को 12,990 वोटों से हराया। सुरेंद्र जैन को 27,858 वोट और हरिमोहन शर्मा को 14,868 वोट मिले। 35 पार्षद वाली नगर पालिका में 30 पर भाजपा, 4 पर कांग्रेस और एक पर निर्दलीय ने जीत दर्ज की। यहां अध्यक्ष पद के लिए दो प्रत्याशी और 35 वार्ड में पार्षद पद के लिए 105 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे।
धार जिले की मांडू:
नगर परिषद चुनाव में भाजपा की मालती गावर ने जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस की लक्ष्मीबाई भाभर को 400 से अधिक मतों से हराया। 15 वार्ड में से 11 पर भाजपा उम्मीदवार और 3 पर कांग्रेस उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। एक वार्ड में गोली डालकर फैसला किया गया। यहां 79.56 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। परिषद अध्यक्ष के लिए चार और 15 पार्षद पद के लिए 38 उम्मीदवार मैदान में थे। निर्दलीय तौर पर अध्यक्ष पद के लिए दो अन्य उम्मीदवार भी मैदान में थे।
अमरकंटक नगर परिषद :
अनूपपुर जिले की नगर परिषद अमरकंटक नगर परिषद में भाजपा की प्रभा पनारिया ने कांग्रेस की अंकेश्वरी सिंह को हराकर अध्यक्ष पद जीत लिया। भाजपा ने 11 पार्षद प्रत्याशी विजय हुए जबकि कांग्रेस के तीन और वार्ड 11 से एक निर्दलीय प्रत्याशी हनुमान दास ने जीत दर्ज की। यहां 78 प्रतिशत मतदान हुआ था। नगर परिषद अध्यक्ष पद के लिए 4 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे, जबकि 15 वार्डों के पार्षद के लिए 46 उम्मीदवार।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और चंडीगढ़ के बाद मध्य प्रदेश पांचवीं जगह है जहां नोटबंदी के बाद भाजपा ने चुनावों में जीत दर्ज की है। यहां यह बात उल्लेखनीय है कि जिन भी राज्यों में निकाय चुनाव हुए हैं वहां पर भाजपा की ही सरकारें हैं। इसी साल होने जा रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के लिए यह उत्साहजनक खबर है। पंजाब, गोवा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मणिपुर में चुनावों की शुरुआत फरवरी से होने जा रही है। 11 मार्च को इन चुनावों के नतीजे आएंगे। पंजाब और गोवा में भाजपा सत्ता में है।
नोटबंदी के बाद यह पहले बड़े चुनाव है। भाजपा नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक को इन चुनावों में मुद्दा बना रही है। वहीं विपक्ष नोटबंदी से हुर्इ परेशानी को भुनाना चाहेगा। इन राज्यों के चुनाव नतीजे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के आधे कार्यकाल पर जनमत की तरह होगा। उत्तर प्रदेश का चुनाव सबसे अहम होने जा रहा है। भाजपा के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल है। वह 14 साल से यहां पर सत्ता से बाहर है। साल 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा ने यहां पर 80 में से 71 सीटें जीती थी। उसके लिए इस प्रदर्शन को दोहराना बड़ा सवाल है।