खबर मध्य प्रदेश के मंदसौर से है जो धर्मों को जोड़ने वाली है। भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब को बयां करती यह खबर दिल को छू लेने वाली है। मस्जिदों में अजान हो रही है लेकिन मंदिर में घंटी क्यों नहीं बज रही है? इस बात ने दूसरी फेल नाहरू भाई को सोचने पर मजबूर कर दिया। वो कहते हैं न आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है। नाहरू भाई ने अपने अविष्कार से ऐसा कमाल दिखा दिया कि मंदिर के भक्त खुशी से झूम उठे। कोरोना वायरस का संक्रमण के रोजाना रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं और वहीं केन्द्र से लेकर राज्य सरकारें लोगो को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को कह रही है।
क्योंकि कोरोना संक्रमण एक-दूसरे के संपर्क में आने या फिर किसी कोरोना संक्रमित मरीज के कोई वस्तु छूने के बाद किसी अन्य शख्स के छूने से फैलता है। राज्य सरकारें धार्मिक स्थलों को खुलने की अनुमति दे दी हैं। मंदिर में बजने वाली एक घंटी को कई लोग छूते हैं, जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा हो सकता है। इसलिए अधिकतर मंदिरों ने घंटी को बजाने पर रोक लगाई हुई है।
मस्जिदों में अजान हो रही है लेकिन मंदिर में घंटी क्यों नहीं बज रही है? इस बात ने दूसरी फेल नाहरू भाई को सोचने पर मजबूर कर दिया। वो कहते हैं न आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है।
नाहरू भाई ने अपने अविष्कार से ऐसा कमाल दिखा दिया कि मंदिर के भक्त खुशी से झूम उठे।
नाहरू भाई ने विश्व प्रसिद्ध मंदिर पशुपति नाथ मंदिर की घंटी में सेंसर लगा दिया। डेढ़ फुट की दूरी से हाथ दिखाने पर अपने आप ही घंटी बजने लगती है।
नाहरू भाई कहते हैं कि जब एक साथ मंदिर की घंटी और मस्जिद में अजान होगी तो हो सकता है कि ईश्वर हमें जल्दी से कोरोना से मुक्ति देगा। मालिक (ईश्वर) से यही दुआ है कि जल्दी से जल्दी कोरोना से छुटकारा दें ताकि हर देश में घंटी जल्दी से बजने लग जाए।
मंदिर में आए भक्तों ने कहा कि इस तरह की घंटियों को हर एक मंदिरों में लगाया जाना चाहिए ताकि लोग संक्रमण से भी बचे रहें और भगवान के दर्शन भी करते रहें।