पटना – शादी की तैयारियों के लिए लोग महीनों पहले से काम में जुट जाते हैं, नौकरी पेशा लोग तो हफ्ते दस दिन पहले ही छुट्टी लेकर तैयारियों को निपटाने में लग जाते हैं लेकिन क्या ये यकीन करना संभव है कि अपनी शादी के समय तक भी कोई महिला स्कूल में पढ़ाती रहे और शादी होते ही अगले दिन फिर स्कूल पहुंच जाए।
बिहार के छपरा में काम के प्रति समर्पण का ऐसा दुर्लभ मामला सामने आया है कि सुनकर हर कोई हैरत में पड़ जाए। यहां एक स्कूल में पढ़ाने वाली मुस्लिम शिक्षिका निकाह और विदाई के समय तक अपने छात्रों को पढ़ाने में लगी रही।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार सारण जिले के लाहलदपुर ब्लॉक के लक्षरीपुर गांव में तताहिर फातिमा सरकारी स्कूल में उर्दू की शिक्षिका हैं। सैयद मोहम्मद इमाम और शमा आरा की बेटी तताहिर फातिमा की शनिवार शाम को पटना के आलमगंज निवासी सैयद जफर से निकाह था।
लेकिन निकाह के इस मौके पर जहां दूसरी युवतियां शादी की तैयारियों में जुटी रहती वहां फातिमा ने लीक से हटकर उदाहरण पेश करते हुए इस दिन में स्कूल में बच्चों को पढ़ाया।
स्कूल से छुट्टी के बाद वह घर पहुंची जहां उनके निकाह की रस्में पूरी हुईं। शनिवार को निकाह के बाद रविवार सुबह होते ही फातिमा रोजाना की तरह अपने स्कूल पहुंची और बच्चों को पढ़ाई करवाई (उर्दू स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी होती है)।
यहां से फिर वह अपने घर पहुंची और उसके बाद परिजनों ने उन्हें शौहर के साथ विदा कर विदाई की रस्म पूरी की। इस संबंध में जब फातिमा से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मुझे यह विचार पसंद नहीं है कि शादी के लिए लंबी छुट्टी ली जाए।
छात्रों को पढ़ाना मेरी जिम्मेदारी है इसलिए मैं उसमें कोताही नहीं बरतना चाहती।’ फातिमा की इस पहल की हर तरफ सराहना हो रही है। जिला शिक्षा अधिकारी सीकेपी यादव ने बताया कि यह काफी सराहनीय कदम है, जिसे व्यापक सराहना मिलनी चाहिए।