देश की दूसरी मुस्लिम महिला आईपीएस अंजुम आरा पाकिस्तान की बर्बरता के शिकार परिवार के लिए फरिश्ता बनकर आई हैं।
देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले पंजाब के तरनतारन के परमजीत सिंह की सबसे छोटी बेटी देशसेवा करती नजर आ सकती हैं।
हिमाचल के जिला सोलन की एसपी अंजुम आरा ने शहीद की इस 12 साल की बेटी को सिविल सर्विस करवाने की बात कही है। हालांकि, साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह सब तभी मुमकिन होगा, जब बच्ची खुद भी इसके लिए तैयार होगी।
एसपी अंजुम आरा ने शहीद की बेटी को गोद लिया है। वे उसे हर सुख सुविधा देना चाहती हैं। परमजीत के शहीद होने के बाद अंजुम आरा और उनके पति उपायुक्त कुल्लू यूनुस खान ने बच्ची को गोद लेने की इच्छा जाहिर की थी।
हालांकि, अभी तक अंजुम आरा इस बच्ची से एक भी बार नहीं मिली हैं, लेकिन फोन पर वे लगातार उसके संपर्क में हैं। उसे क्या पसंद है और क्या बनना चाहती है, इस बारे में जानकारी जुटा रही हैं।
अंजुम आरा ने बताया कि परमजीत सिंह की शहादत के दिन वे टेलीविजन पर समाचार सुन रही थीं। उस समय शहीद परिवार पर टूटे कहर ने उन्हें हिलाकर रख दिया। उन्होंने शहीद की सबसे छोटी बेटी जिसकी उम्र करीब 12 साल है, को गोद लेने का फैसला किया।
इस बच्ची को गोद लेने के बारे में उन्होंने अपने पति से भी चर्चा की। इसके बाद दंपति बच्ची को गोद लेने पर राजी हो गए। बताया कि बच्ची पर वे किसी भी तरह का दबाव नहीं डालेंगे। वह जो बनना चाहेगी, उसे बनने में हर तरह की मदद करेंगे। बच्ची देश सेवा करने के लिए सिविल सर्विस ज्वाइन करना चाहेगी तो वे उसकी हर तरह से मदद करेंगे।
उन्होंने बताया कि उनकी इच्छा है कि वे बच्ची को कभी अकेलापन महसूस न होने दें। वे उसे हमेशा अपनी बेटी की तरह रखेंगे। यदि शहीद का परिवार चाहेगा तो यह बच्ची उनके साथ रहेगी, यदि नहीं चाहेगा तो अपनी मां और अन्य सदस्यों के साथ भी रह सकती है।
बच्ची की पढ़ाई तथा अन्य सुख-सुविधाओं का पूरा खर्च अब अंजुम आरा और उनके पति यूनुस खान उठाएंगे। एसपी अंजुम आरा ने बताया कि वे अभी तक इस बच्ची से नहीं मिली हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि जल्द उससे मिलकर भविष्य के बारे में चर्चा करेंगी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से किसी भी कीमत पर हार नहीं मानी जाएगी।
@एजेंसी