दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर खंडवा में महिलाएं CAA NRC के विरोध में आज बड़ी संख्या में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी। धरने में महिलाओं के साथ बच्चे बच्चियां भी हाथ मे विरोध की तख़्तिये लिए बैठे है। इन्होंने कहा मोदी जी दूसरे देश के लोगो को यहां ला रहे है उन्हें घर रोजगार कहा से देंगे अभी देश के कई लोगो के पास घर नही है रोजगार नही है पहले मोदी जी देश के लोगों को देखें फिर दुसरो के बारे में सोचना ।
खंडवा – दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर पूरे देश में ही जगह-जगह एनआरसी, सीएए एवं एनपीआर को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, इसी क्रम में खंडवा में भी चार दिनी महिलाओं का विरोध स्वरूप धरना प्रदर्शन सोमवार दोपहर से शुरू हुआ । यह धरना प्रदर्शन सोमवार से रोजाना दोपहर 12:00 से शाम 5:00 बजे तक शहर के हजरत खानशाह वली दरगाह मैदान पर किया जा रहा है जिसके पहले ही दिन शहर की महिलाओं ने धरने में पहुंचकर अपना विरोध जताया ।
धरने पर बैठी महिलाओं की मांग थी के केंद्र की बीजेपी सरकार इस काले कानून जो की सीएए के रूप में संसद में पारित हुआ है इसे तुरन्त वापस लिया जाए या फिर इसमें संशोधन करते हुए मुस्लिमों को भी इसमें जोड़ा जाए । इस कानून में धर्म के आधार पर भेदभाव ना किया जाए एवं सभी वास्तविक पीड़ितों को उनकी पूरी जांच पड़ताल करने के बाद नागरिकता दी जाए ।
शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से धरने पर पहुंची महिलाओं ने एक साथ एक आवाज में कसम खाई के देश में एनआरसी या एनपीआर की प्रोसेस की जाती है तो वे अपने कागज सरकार को नहीं दिखाएंगी, वे जन्म से भारतीय नागरिक हैं और इनकी नागरिकता को कोई भी सरकार चैलेंज नहीं कर सकती । वे इसी मुल्क में पैदा हुई हैं और यहीं मर जायेंगी पर वे अपने कागज किसी को नहीं दिखाएंगी ।
खंडवा शहर काजी की अध्यक्षता में शुरू हुए इस धरने में शहर के 21 मुस्लिम जिम्मेदारों की कमेटी ने व्यवस्थाएं संभालते हुए अधिक से अधिक तादाद में शहर की महिलाओं से अपील भी की के सरकार के इस काले कानून का विरोध एकजुटता से किया जाए ।