गुजरात बीजेपी विधायक संगीता पाटिल ने अपने लिम्बयात क्षेत्र में डिस्टर्बड एरिया एक्ट को लागू करने की मांग की है ताकि कोई भी मुस्लिम व्यक्ति हिंदुओं के पड़ोस में घर न खरीद सके। पाटिल द्वारा लिखित में जिला अधिकारी को इस एक्ट को लागू करने की मांग की है।
सूत्रों के अनुसार इसके पीछे इलाके में घटी कुछ घटनाओं को बताया जा रहा है। पाटिल द्वारा इस एक्ट की मांग करने के बाद बीजेपी के विरोधियों को पार्टी को निशाना बनाने का मुद्दा मिल गया है।
अन्य राजनीतिक पार्टियां पाटिल की इस मांग को गलत ठहरा रही हैं। अपनी इस मांग का बचाव करते हुए पाटिल ने आरोप लगाया कि मसलमान हिंदू सोसायटी में घर खरीदने के लिए हर प्रकार की चालाकी का उपयोग करते हैं। इतना ही नहीं घर बुक करने के लिए वे लोगों को धमकी भी देते हैं।
सूरत का लिम्बयात इलाका पहले केवल एक हिंदू इलाका हुआ करता था लेकिन अब वहां पर मुसलमानों का प्रभुत्व है।
लिम्बयात के अलावा ऐसी कई सोसायटी है जो कि हिंदू नाम पर हैं जिनमें गोविंद नगर, भारती नगर, मदनपुरा और भावना पार्क शामिल हैं। अब इन सभी सोसायटियों में मुसलमानों का वर्चस्व है।
पाटिल ने आरोप लगाया है कि अगर मुसलमानों को आसानी से घर नहीं मिल पाता है तो वे हिंदुओं को धमकी देते हैं और उन्हें जबरन अपना घर बेचने पर मजबूर करते हैं।
पाटिल ने कहा कि जिस तरह से घर लेने के लिए मुस्लिम चालाकी दिखाते हैं और हिंदुओं को प्रताड़ित करते हैं इसलिए ही मैं चाहती हूं कि हिंदू इलाकों में डिस्टर्बड एरिया एक्ट लगाया जाए ताकि हिंदुओं के खिलाफ कोई हिंसा न हो पाए।
मैं कलेक्टर से निवेदन करती हूं कि वे इस एक्ट को लागू करें क्योंकि इन इलाकों के रहने वालों ने मुझे अपना प्रतिनिधी बनाया है इसलिए उनकी परेशानी दूर करना मेरा कर्तव्य है।