मुंबई – शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिये एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। इस बार उनके निशाने पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के ओवैसी बंधु आए हैं।
शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा है कि देश के मुसलमानों का मताधिकार वापस ले लिया जाना चाहिए, तभी जाकर मुस्लिम वोटबैंक की राजनीति खत्म होगी। गौरतलब है कि शिवसेना समय समय पर इस तरह के विवादित बयान देकर सरकार के लिए मुश्किलें पैदा करती रहती है। शिवसेना केंद्र की राजग सरकार में शामिल है। इसके साथ ही महाराष्ट्र में वह भाजपा के साथ सरकार में शामिल है।
मुंबई में ‘ओवैसी की उछलकूद’ शीर्षक से सामना में लिखे गए लेख में राउत ने लिखा है, ‘ओवैसी बंधु मुंबई में उछलकूद करके लौट गए। यह सब सौदेबाजी मुसलमानों के वोटों के लिए हो रही है। मुसलमानों के वोट सिर्फ सौदेबाजी के लिए उपलब्ध होंगे, तो यह समाज हमेशा गर्त में ही रहेगा और उनके नेता अमीर बनेंगे।’
बाल ठाकरे का जिक्र करते हुए उन्होंने आगे लिखा है, ‘इसी वजह से शिवसेना प्रमुख ने कहा था कि मुसलमानों से मतदान का अधिकार छीन लो।’
इस बारे में संजय राउत ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में यह बात लिखी है। मुस्लिम वोट बैंक को लेकर राजनीतिक दलों पर तुष्टीकरण करने के आरोप तो लगते रहे हैं। इन चीजों पर रोक लगाने के लिए संजय राउत ने यह बात कही। लेकिन उनका यह सुझाव भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में कतई स्वीकार्य नहीं है। यहां सभी धर्मों को समान अधिकार हासिल है जिसमें मतदान करने का अधिकार प्रमुख है।