खंडवा: नगर निगम खंडवा में कार्यरत भृत्य श्री दिनेश वर्मा को 31 जुलाई 2020 को सेवा अवधि 62 वर्ष पूर्ण करने पर सेवानिवृत्त किया जाना था लेकिन तत्कालीन स्थापना लिपिक राजेंद्र अत्रे ने बगैर सेवा पुस्तिका और व्यक्तिगत नस्ती का अवलोकन किए गलत आदेश जारी कर उन्हें 28 फरवरी 2020 को 5 माह पूर्व ही सेवानिवृत्त किए जाने के आदेश जारी करवा दिए | पेंशन शाखा में पदस्थ मोहरिर अभिषेक तिवारी ने भी बगैर श्री वर्मा की सेवा पुस्तिका और अभिलेखों का परीक्षण किये उनका पेंशन और ग्रेच्युटी प्रकरण तैयार कर राज्य शासन को भेज दिया |
जनसंपर्क अधिकारी जाकिर जाफरी ने बताया कि संचनालय नगरीय प्रशासन एवं आवास मध्यप्रदेश भोपाल ने पत्र जारी कर श्री वर्मा को 5 माह पूर्व सेवानिवृत्त किए जाने के संबंध में नगर निगम से जवाब तलब किया, तब यह मामला प्रकाश में आया |
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 लीप- ईयर अर्थात फरवरी माह 29 दिवसीय है चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को सेवानिवृत्त करते समय यह भी ध्यान नहीं रखा गया और उन्हें 28 फरवरी 2020 को ही सेवानिवृत्त कर दिया गया | इधर श्री दिनेश वर्मा ने निगमायुक्त को निवेदन पत्र प्रस्तुत कर 4 माह का वेतन तथा जुलाई माह की वार्षिक वेतन वृद्धि सहित कुल 5 माह का वेतन देने का अनुरोध कर शीघ्र पेंशन प्रकरण के निराकरण की मांग की है |
निगमायुक्त श्री हिमांशु भट्ट ने मामला प्रकाश में आते ही तत्काल कार्रवाई करते हुए दोनों कर्मचारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर जवाब -तलब किया|
तत्कालीन लिपिक और मोहरीर द्वारा संतोषजनक जवाब न दिए जाने के फलस्वरुप मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम-1965 (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील )नियम- 9 के तहत लिपिक राजेंद्र अत्रे और मोहरीर अभिषेक तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विभागीय जांच संस्थित किए जाने के आदेश जारी किए हैं |
निलंबन अवधि में दोनों कर्मचारियों को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त करने की पात्रता होगी तथा दोनों कर्मचारियों का मुख्यालय क्रमशः नगर निगम के स्वच्छता एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग का जोन कार्यालय 4 और 6 होगा | वर्ष 2013 में भी इसी तरह के एक मामले में लिपिक द्वारा कर्मचारी की सेवानिवृत्ति की गलत तिथि अंकित करने से सफाई संरक्षक द्वारा 8 माह अधिक कार्य किया गया था जिसकी अधिक वेतन की वसूली तत्कालीन लिपिक श्री प्रजापति से की गई थी |