रोहिणी के विजय विहार स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में तीसरे दिन छापेमारी के बाद महिला आयोग और पुलिस टीम ने बंधक बनाकर रखी गईं 41 नाबालिग लड़कियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। डॉक्टर की एक टीम बुलाकर सभी लड़कियों का मेडिकल करवाने की कोशिश की गई, लेकिन लड़कियों ने मना कर दिया।
उसके बाद सभी लड़कियों को शेल्टर होम भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि आश्रम में अभी भी 150 लड़कियां व महिलाएं हैं और उन्होंने बाहर आने से इनकार कर दिया है। महिला आयोग फिलहाल इस बात की जांच कर रहा है कि कहीं इनमें से कोई नाबालिग तो नहीं है। उधर, आश्रम का संचालक अभी भी फरार है।
हाईकोर्ट में वीरेंद्र देव दीक्षित के खिलाफ अर्जी लगाने वाली सीमा शर्मा का आरोप है कि बाबा ड्रग्स लेकर रोज 10 लड़कियों के साथ रेप करता था। उसे न्यूड लड़कियों से मालिश कराने का शौक था। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स में भी खुलासा हुआ है कि इस वहशी बाबा ने 16,000 महिलाओं के साथ संबंध बनाने का लक्ष्य रखा था। ऐसे में सभी के होश उड़े हुए हैं कि आखिर इस बाबा ने अब तक कितनी जिंदगियां बर्बाद कर दी हैं।
पुलिस के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि पुलिस व दिल्ली महिला आयोग की टीम बृहस्पतिवार सुबह फिर से आश्रम पर छापेमारी करने पहुंची। इस दौरान आश्रम के लोगों से कमरे की चाबियां मांगी लेकिन उन्होंने मना कर दिया। आखिर पुलिस टीम ने एक-एक कर करीब 14 दरवाजों के ताले तोड़ दिए। पुलिस ने यहां से 41 नाबालिग लड़कियों को बाहर निकाला।
सूत्रों का कहना है कि आश्रम में करीब दो सौ महिलाएं और लड़कियां रह रही हैं, जिसमें से 41 के नाबालिग होने की पुष्टि हुई है। पुलिस के अनुसार लड़कियां कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है। बताया गया है कि लड़कियां बेसुध हालत में बाहर निकालीं गईं।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि आश्रम में जो भी महिलाएं हैं सभी को यहां से निकालकर नारी निकेतन में रखा जाना चाहिए। सभी की काउंसलिंग करवाई जाए, तभी सच्चाई सामने आएगी। पुलिस को आशंका है कि आश्रम के लोगों ने कई लड़कियों को यहां से हटा दिया है।
उधर, दिल्ली महिला आयोग व पुलिस टीम के साथ आश्रम में मारपीट करने के मामले में विजय विहार थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने इनके खिलाफ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और मारपीट करने का मामला दर्ज किया है। पुलिस इस मामले में एक चौकीदार और कुछ अनुयायी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
पुलिस व दिल्ली महिला आयोग की टीम से हुई थी मारपीट
हाईकोर्ट के आदेश के बाद मंगलवार को एक स्पेशल टीम ने आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में छापेमारी की थी। टीम में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल भी शामिल थीं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि छापेमारी टीम के दूसरी मंजिल पर पहुंचते ही अनुयायी उग्र हो गए और पुलिस व महिला आयोग की टीम के साथ धक्का मुक्की की।
इस बात की जानकारी मिलने के बाद अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाया गया। पुलिस के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि आश्रम में महिलाओं का शारीरिक व मानसिक शोषण होता था। कमरे से कई प्रतिबंधित दवाइयां व आपत्तिजनक सामान बरामद किए गए।
विश्वविद्यालय के अनुयायियों का कहना है कि बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के शरण में आने वालों को अध्यात्म का ज्ञान दिया जाता था। वहीं इस आश्रम में रहने वाले कुछ अनुयायियों ने बाबा पर शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया और बाबा को पाखंडी बताया।
बाबा चलाता है हाईप्रोफाइल रैकेट
आध्यात्मिक विश्वविद्यालय पर छापेमारी के बाद जो बातें सामने आई हैं उससे आसपास रहने वाले लोग काफी खुश हैं। उनका कहना है कि एक न एक दिन इस बात का खुलासा होना ही था। दबी जुबां में लोग कह रहे हैं कि बाबा कोई अध्यात्म की बात नहीं करता था बल्कि वह हाईप्रोफाइल रैकेट चलाता था।
लोगों का कहना है कि यहां जो कुछ भी चल रहा था। इसकी कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां रहने वाले अनुयायियों को किसी से मिलने की इजाजत नहीं थी। वह जालनुमा ग्रिल में लगे पर्दे के पीछे रहती थीं और किसी को भी भीतर क्या हो रहा है इसकी जानकारी नहीं थी।