दिल्ली से सटे गुरुग्राम में खुले में नमाज पढ़ने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की नसीहत के बाद अब स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी इसमें कूद पड़े हैं। सोमवार को उन्होंने कहा कि खुले में नमाज जमीन पर कब्जा करने की नीयत से पढ़ी जा रही है।
ज्ञात हो कि रविवार को ब्रिटेन और इजरायल की अपनी यात्रा पर रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा था कि नमाज खुले में नहीं बल्कि ईदगाह और मस्जिद में पढ़ी जानी चाहिए। सीएम ने कहा था कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी सरकार की है।
मुख्यमंत्री की नसीहत के बाद अब स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का बयान आया है। इसमें उन्होंने कहा है कि कभी-कभार किसी को नमाज पढ़नी पढ़ जाती है तो धर्म की आजादी है, लेकिन किसी जगह को कब्जा करने की नीयत से नमाज पढ़ता गलत है। उसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है।
गौरतलब है कि गुरुग्राम में खुले में नमाज पढ़ने का हिन्दू संगठन विरोध कर रहे हैं। पिछले शुक्रवार को करीब आधा दर्जन स्थानों पर नमाज नहीं पढ़ी जा सकी थी। अभी तक इस मुद्दे पर विपक्ष की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। कांग्रेस-इनेलो और आप ने कोई बयान नहीं दिया है।
वक्फ बोर्ड खोज रहा जमीन
नमाज विवाद के इतना गहरा जाने के बाद भी हरियाणा वक्फ बोर्ड सक्रिय नहीं हो सकता है। ‘हिन्दुस्तान’ ने बोर्ड के चेयरमैन और विधायक रहीशा खान से इस बाबत की तो उन्होंने कहा कि बोर्ड अपनी जमीनों की पहचान कर रहा है। एक हफ्ते में जमीन की जानकारी जुटाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि नमाज के लिए ये जगह दी जा सकें।
उन्होंने कहा कि बोर्ड की जमीन हैं लेकिन कोई रिकॉर्ड अपडेट नहीं है। देखा जा रहा है कि जो जमीनें सरकार के पास हैं वे क्या शहर में हैं या फिर गांवों में हैं। जब उनसे यह पूछा गया कि शहर में जमीन नहीं हुई तो बोर्ड क्या करेगा? इस पर उन्होंने कहा कि सरकार से जमीन मांगी जाएगी।
गौरतलब हो गुरुग्राम के उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने नमाज के लिए जमीन मुहैया कराने को वक्फ बोर्ड से बात की थी, हालांकि सिंह फिलहाल विदेश प्रवास पर हैं। उपायुक्त का कार्यभार 2008 बैच के आईएएस चंद्रशेखर खरे को दिया गया है। खरे वर्तमान में हुडा प्रशासक के पद तैनात हैं।
सिविल सोसाइटी ने लिखा पत्र
गुरुग्राम के प्रतिष्ठित गैर सरकारी संगठन ‘वी द पीपुल’ ने नमाज विवाद पर उपायुक्त को पत्र लिखकर एक विशेष वर्ग को निशाना बनाए जाने को गलत बताया है। 166 लोगों के दस्तखत के साथ उपायुक्त को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि सरकारी जमीन का इस्मेताल किसी भी धर्म को न करने दिया जाए। संगठन की प्रमुख विनीता सिंह ने कहा कि धार्मिक आयोजन प्रशासन की अनुमति से ही हों।
आरएसएस की शाखाएं भी सार्वजनिक स्थानों पर लगती हैं
नमाज के मुद्दे पर मुख्यमंत्री का बयान गलत और संविधान की अवधारण के खिलाफ है। मैं पूछता कि कि आरएसएस की शाखाएं सार्वजनिक स्थानों पर लगती हैं तो दूसरे समुदाय को कैसे रोका जा सकता है। संविधान में धार्मिक आजादी दी गई है। – डॉ. अशोक तंवर, प्रदेश अध्यक्ष, हरियाणा कांग्रेस