पीएम ने कहा कि हम धैर्य बनाकर रखेंगे, नियमों का पालन करेंगे तो कोरोना जैसी महामारी को भी परास्त कर पाएंगे। इसी विश्वास के साथ अंत में, मैं आज सात बातों में आपका साथ मांग रहा हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन को लेकर देशवासियों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में लॉकडाउन 2.0 का एलान किया।
पीएम ने कहा कि अब देश में तीन मई तक लॉकडाउन जारी रहेगा। बता दें कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकतर मुख्यमंत्रियों ने पीएम मोदी से देश में लॉकडाउन की समय सीमा बढ़ाने की अपील की थी।
पीएम मोदी ने कहा, सभी का यही सुझाव है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए। कई राज्य तो पहले से ही लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला कर चुके हैं। साथियों, सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब तीन मई तक और बढ़ाना पड़ेगा। यानि तीन मई तक हम सभी को, हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा। इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है जैसे हम करते आ रहे हैं।
पीएम ने देशवासियों से मांगा सात बातों में साथ
हम धैर्य बनाकर रखेंगे, नियमों का पालन करेंगे तो कोरोना जैसी महामारी को भी परास्त कर पाएंगे। इसी विश्वास के साथ अंत में, मैं आज सात बातों में आपका साथ मांग रहा हूं।
पहली बात
अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें पुरानी बीमारी हो, उनकी हमें अधिक देखभाल करनी है, उन्हें कोरोना से बहुत बचाकर रखना है।
दूसरी बात
लॉकडाउन और सामाजिक दूरी की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें, घर में बने फेसकवर या मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।
तीसरी बात
अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें, गर्म पानी और काढ़ा का निरंतर सेवन करें।
चौथी बात
कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद करने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल एप जरूर डाउनलोड करें। दूसरों को भी इस एप को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें।
पांचवी बात
जितना हो सके गरीब परिवारों की देखरेख करें उनके भोजन की आवश्यकता पूरी करें।
छठी बात
आप अपने व्यवसाय अपने उद्योग में अपने साथ काम करे लोगों के प्रति संवेदना रखें और किसी को नौकरी से न निकालें।
सातवीं बात
देश के कोरोना योद्धाओं, हमारे डॉक्टर, नर्सों, सफाई कर्मियों और पुलिसकर्मियों का पूरा सम्मान करें।
पूरी निष्ठा के साथ तीन मई तक लॉकडाउन के नियमों का पालन करें, जहां हैं वहां रहें, सुरक्षित रहें।
आज भारत के पास भले ही सीमित संसाधन हों, लेकिन मेरा भारत के युवा वैज्ञानिकों से विशेष आग्रह है कि विश्व कल्याण के लिए और मानव कल्याण के लिए आगे आएं और कोरोना की वैक्सीन बनाने का बीड़ा उठाएं।
हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। जहां जनवरी में हमारे पास कोरोना की जांच के लिए सिर्फ एक लैब थी, वहीं अब 220 से अधिक लैबों में टेस्टिंग का काम हो रहा है।
भारत में आज हम एक लाख से अधिक बिस्तरों की व्यवस्था कर चुके हैं। इतना ही नहीं 600 से भी अधिक ऐसे अस्पताल हैं जो सिर्फ कोविड-19 के इलाज के लिए काम कर रहे हैं। इन सुविधाओं को और तेजी से बढ़ाया जा रहा है।
न खुद कोई लापरवाही करनी है और न ही किसी और को लापरवाही करने देना है। कल इस बारे में सरकार की तरफ से एक विस्तृत दिशा-निर्देश (गाइडलाइन) जारी की जाएगी। नए दिशा-निर्देश बनाते समय किसानों के हितों का पूरा ध्यान रखा गया है।
अगले एक सप्ताह में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी। 20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले और हर राज्य को परखा जाएगा। देखा जाएगा कि वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है और उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है।
जो क्षेत्र इस अग्निपरीक्षा में सफल होंगे और जो हॉटस्पॉट में नहीं होंगे, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है।