खंडवा [TNN] नर्मदा जल योजना की प्रारंभिक टेस्टिंग के दौरान ही बार-बार लाईन फूटना, शहर के एक तिहाई हिस्से में पानी के लिये हाहाकार मचना, प्रदूषित एवं कम दबाव से वितरित नर्मदा जल ने स्पष्ट कर दिया है कि योजना की संचालनकर्ता कंपनी पूरी तरह फ्लाप हो चुकी है।
मात्र एक तिहाई आबादी में पानी देने में अक्षम विश्वा पूरे शहर को कैसे पानी पिलायेगा का समझ से परे है। वैसे पाईप की निम्न गुणवत्ता पर कांग्रेस 2 वर्ष पूर्व ही जिला प्रशासन, निगम प्रशासन एवं प्रदेश शासन को ताकीद कर चुकी है। पाईप लाईन का बार-बार फूटना कांग्रेस के आरोप की पुष्टि करता है।
उक्त आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य अजय ओझा ने कहा कि एक बार पाईप लाईन फूटने के बाद 3 दिन तक संबंधित क्षेत्रों में भीषण जल संकट बना रहता है। विश्वा अथवा निगम प्रशासन वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर पाता। अभी योजना की ट्रायल में यह हाल है, तो पूरी तरह जल वितरण शुरू करने पर क्या होगा?
श्री ओझा ने कहा कि निगम प्रशासन आधी-अधूरी योजना थोपने को तत्पर दिखाई दे रहा है। पाईप लाईन के नये-नये प्रस्तावों के साथ करोड़ों रूपये हथियाने के मंसूबे बन रहे हैं। नये प्रस्तावों के पहले सवा अरब की कार्ययोजना को अक्षरस: समझना, उसकी जांच, भौतिक सत्यापन आवश्यक है।
नर्मदा जल संघर्ष समिति सदस्य मनोहर शामनानी ने कहा कि नागरिकों के हितों को अनदेखा करने पर निगम प्रशासन के खिलाफ आंदोलन की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। स्वंतत्र समिति की सिफारिशों की अनदेखी सहन नहीं की जायेगी।