नासिक- केंद्र सरकार जहाँ प्रत्येक भारतीय को 14 अंको की यूनिक आई डी आधार कार्ड के रुप मे दे रही है। जिससे प्रत्येक भारतीय को अपनी पहचान और पते के रुप मे शासकीय योजनाओं का लाभ मिल सके और भारतीय होने के लिये और अपनी पहचान और पते के लिये प्रारूप हो सकेगा जिसका शुभारंभ महाराष्ट्र के नंदूरबार से पूर्व pm मनमोहन सिंह ने किया था।
आधार कार्ड बनाने वाली एजेन्सी तो सभी सरकारी योजनाओं का लाभ आधार कार्ड से मिलने का दावा कर रही है। और केंद्र सरकार करोडो रुपये इस योजना मे खर्च कर रही है। लेकीन नासिक जिला कलेक्टर कार्यालय मे आधार कार्ड पहचान और पते का प्रमाण नही।
नासिक जिले के कलेक्टर ऑफीस का स्टाप नही मानता क्या नासिक कलेक्टर ऑफीस केंद्र सरकार से भी बडा है ? अगर आधार कार्ड आपके पते और पहचान का प्रमाण नही तो फिर केन्द्र और राज्य सरकार करोडो रुपये क्यों खर्च कर रही है।
जब हमने इस मामले मे नासिक जिला कलेक्टर से बात की तो फोन ही नही उठाया। तहसील और कलेक्टर ऑफीस के किसी भी तरह के शासकीय काम मे आने वाले फार्म कागज अपील राशन कार्ड बनवाने या किसी भी प्रकार का अप्लिकेशन के लिये नासिक कलेक्टर ऑफीस के तहसीलदार आधार कार्ड को पहचान और पते का प्रमाण नही मानते। पते के प्रमाण के लिये अन्य दस्तावेज देने पडेंगे।
रिपोर्ट- @सन्दीप द्विवेदी