नई दिल्ली – नेशनल हेरल्ड केस के मुख्य आरोपियों सोनिया गांधी और राहुल गांधी को अदालत ने 50-50 हजार रुपये के मुचलकों पर बिना शर्त जमानत दे दी। पूरे दिन जारी गहमागहमी के बीच कोर्ट ने महज 10 मिनट में आरोपियों को जमानत दे दी। हालांकि, इस बीच याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया और राहुल के पासपोर्ट को जब्त करने की मांग की लेकिन अदालत ने उनकी इस दलील को नहीं माना। इसके अलावा अदालत ने तीन अन्य आरोपियों की जमानत याचिका मंजूर कर ली। वकीलों के मुताबिक केस के छठे आरोपी सैम पित्रोदा की चिकित्सकीय हालत ठीक नहीं होने के कारण वह कोर्ट में पेश नहीं हो सके।
जमानतदार के तौर पर सोनिया गांधी के लिए एके एंटनी और राहुल गांधी के लिए उनकी बहन प्रियंका गांधी ने बांड भरे। केस की सुनवाई के दौरान कांग्रेस के लगभग सभी बड़े नेता अदालत परिसर में मौजूद थे जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, शीला दीक्षित, मल्लिकार्जुन खड़गे आदि शामिल थे। इस दौरान पूरा कांग्रेस महकमा एक साथ नजर आया। इस बीच कांग्रेस ने बीजेपी पर इस मुद्दे को सियासी रंग देने का आरोप लगाया। सुनवाई के बाद अगली पेशी के लिए अदालत ने 20 फरवरी की तारीख रखी है। इस दिन दोपहर दो बजे सभी आरोपियों को सुनवाई के लिए अदालत के सामने फिर से पेश होना होगा।
नेशनल हेरल्ड केस में सोनिया और राहुल के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है जिसमें धोखाधड़ी करने के लिए धारा 420 , आपराधिक साजिश रचने के लिए धारा 120(बी) और गलत तरीके से संपत्ति हथियाने के लिए धारा 403 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। ये सभी जमानती धाराएं है इसलिए अदालत ने आरोपियों का जमानत देने में ज्यादा देर नहीं कि। हालांकि, इस बीच ऐसी खबरें भी आती रही कि राहुल गांधी जमानत लेने के बजाय जेल जाना पसंद करेंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
नेशनल हेरल्ड केस के याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने अदालत की कार्रवाई पर संतोष व्यक्त किया। अदालत की कार्यवाही के बारे में बताते हुए स्वामी ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी पहले ही अपनी बेल बांड लेकर आए थे जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। हालांकि, इस बीच उन्होंने सैम पित्रोदा के खिलाफ जमानती वारंट जारी करने की मांग की लेकिन अदालत ने अगली सुनवाई के बाद इस पर अपील करने की सलाह दी। स्वामी ने कोर्ट से यह भी अपील की कि सोनिया और राहुल के पासपोर्ट जब्त कर लिए जाएं।
सुनवाई के बाद बचावपक्ष के वकील कपील सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि कोर्ट ने बिना किसी शर्त सोनिया और राहुल को 50-50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दिया। सैम पित्रोदा के अदालत में पेश नहीं रहने के सवाल पर उन्होंने बताया कि पित्रोदा के काम का ऑपरेशन होने की वजह से उन्हें विदेश यात्रा करने की मनाही है। इसलिए वो अदालत में पेश नहीं हो पाए। पित्रोदा के पक्ष में अदालत में जो दस्तावेज पेश किए थे उसे देखते हुए अदालत ने उन्हें इस पेशी से छूट दे दी। पित्रोदा इस वक्त अमेरिका में हैं।
गौरतलब है कि इस मामले के लिए सोनिया और राहुल समेत सभी छह आरोपियों को 8 दिसंबर को ही अदालत में पेश होना था लेकिन एक दिन पहले ही जारी हुए आदेश और एक आरोपी के विदेश में होने की दलील देकर बचावपक्ष के वकील ने अदालत से अगली तारीख की मांग की थी जिसके बाद अदालत ने 19 दिसंबर की तारीख मुकर्रर की थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी अदालत के सामने पेश होने की बाद कही थी। पेशी के मद्देनजर कोर्ट परिसर और उसके आस-पास की सुरक्षा के चाक चौबंद बंदोबस्त किए गए थे। पटियाला हाउस कोर्ट को एसपीजी ने अपने नियंत्रण में ले लिया था। सुरक्षा इंतजाम का जायजा लेने के लिए कोर्ट में दिन भर दिल्ली पुलिस, एसपीजी व आईबी समेत कई सुरक्षा एजेंसियों का पूरा अमला डटा रहा।
पेशी से पहले गुलाम नबी आजाद के घर सभी आरोपियों और बड़े कांग्रेसी नेताओं की बैठक भी हुई थी। इससे पहले गुलाम नबी आजाद ने इस मुद्दे को सियासी रंग देने का पूरा ठीकरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर फोड़ने की कोशिश की। सोनिया और राहुल के पेशी पर जाने से पहले कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने मोदी पर हमला करते हुए कहा कि यह सब मोदी की साजिश है। उन्हीं के इशारे पर सुब्रमण्यम स्वामी काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी को जेड सुरक्षा मुहैया कराना और सरकारी आवास आवंटित कराना इस बात की ओर इशारा करता है कि उन्हें उनके काम का ईनाम दिया गया है।
दिन भर के गहमा गहमी के बीच कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहा। जहां एक और कांग्रेस लगातार बीजेपी पर हमलावर रही वहीं बीजेपी अपना बचाव करती रही। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सुब्रमण्यम स्वामी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मोहरे की तरह काम कर रहे हैं। सोनिया और राहुल गांधी हमेशा सच्चाई की राह पर चलते रहे हैं और आगे भी चलते रहेंगे। वहीं टेलिकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सुरजेवाला के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि इसमें सरकार का कोई हाथ नहीं है अगर राहुल गांधी को कोई ऐतराज है तो वह सुप्रीम कोर्ट का रूख कर सकते हैं।