खंडवा : चुनावी हलचल और बयान बाजियों के बिच दिल को सुकून देने वाली एक खबर मध्यप्रदेश के खंडवा से मिल रही है। यहाँ बरसो से अलग रह रहे पति पत्नियों ने साथ में गाने गा कर फिर से एक दूसरे को अपना लिया। यह सब खंडवा जिला न्यायालय में चल रही लोक अदालत के दौरान हुआ।
कोर्ट रूम में गाने गुनगुनाते हुए यहाँ नजारा पहली आप ने कभी नहीं सुना होगा । खंडवा जिले के बेड़ियाव ग्राम में रहने वाले महेश की शादी कविता से 2013 में हुई थी। पारिवारिक कलह के चलते दोनों कुछ ही महीनो से लग रहने लगे। कविता ने कोर्ट में महेश से तलाक की अर्जी दी। पति पत्नी दोनों कोर्ट के चक्कर लगते रहे। कुदुम्ब न्यायलय के जज अवनेंद्र कुमार सिंह ने दोनों को नेशनल लोक अदालत में बुलवाया। जहा सामाजिक कार्यकर्त्ता अलोक जोशी और पक्षकारो के वकीलों ने गीतों के माध्यम से तलाक लेने वाले जोड़ो की काउंसलिंग की। काउंसलिंग के बाद बहुत से जोड़ो ने समझौता करते हुए फिर से एक दूसरे को अपना लिया। इस दौरान जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायधीश आर. के. गौतम ने भी फिर से एक हुए जोड़ो के साथ कोर्ट रूम में गीत गुनगुनाते हुए फिर से विवाद न करने की हिदायत दी।
काउंसलिंग के लिए आए समाज सेवी और गायक अलोक जोशी भी कोर्ट के इस कदम को अध्भुत प्रयास बताया । जोशी ने कहा की संगीत एक तरह का इलाज़ है। काउंसलिंग के दौरान सभी जोड़ो को उनके खुशनुमा पलो को याद दिलाया गया।
गीतों के जरिए काउंसलिंग से अपने जीवन साथी को वापस पा कर महेश भी खुश है। महेश का कहना है की वह इस फैसले से खुश है और आगे भी इसी तरह अपने जीवन को खुशहाल बनाए रखूँगा ।
खंडवा में हुई नेशनल लोक अदालत में तलाक के 244 मामले आए थे जिनमे से अधिकतर में समझौता होकर तलाक लेने वाले जोड़ो ने फिर से अपना जीवन शुरू किया।
रिपोर्ट @निशात सिद्दीकी /जावेद खान