सिवनी: प्रकृति ने एक बार फिर किसानों पर कहर बरपा दिया। मंगलवार को दोपहर के बाद जिले के छपारा, केवलारी व धनौरा ब्लाक के आधा सैकड़ा से अधिक गांवों में तेज बारिश के साथ करीब 2 मिनट तक बैर से चने के आकार के ओले गिरे। इस ओलावृष्टि से किसानों के खेतों व सड़क पर ओले की परत बिछ गई। तेज बारिश व ओले की वजह से गेहूं की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। ओलावृष्टि के बाद राजस्व अमला नुकसानी का सर्वे करने में जुट गया है। इधर जिले के आदेगांव में सुबह आसमानी बिजली गिरने से 13 साल की किसोरी की मौत हो गई।
इन गांवों में हुई ओलावृष्टि
मंगलवार को 3 बजे के बाद जिले के कई इलाकों में ओलावृष्टि हुई। जानकारी के मुताबिक छपारा ब्लाक के भीमगढ़ में ओलावृष्टि से काफी नुकसान हुआ है। इसके अलावा चमारी, खापा आदि में भी ओलावृष्टि हुई। केवलारी ब्लाक के साठई, पिपरिया, कंडीपार, मैरा, ढुटेरा, बिछुआ, डोकररांजी, लोपा, पांजरा, डुंगरिया, खापा, बरसला, चावलमारा, बगलई व घंसौर सहित आसपास के गांवों में जमकर ओले गिरे। धनौरा ब्लाक के कुडारी, रावठान, देवरी, मझगंवा व सुनवारा सहित आसपास के गांव में ओलावृष्टि हुई।
खेतों में फसल बिछी देख विचलित हुए किसान
सोमवार से मौसम में आए परिवर्तन के बाद देर रात तक जिले के कई गावों में तेज हवा के साथ जोरदार बारिश हुई थी। मंगलवार को दोपहर तक मौसम ठीक रहा लेकिन इसके बाद अचानक मौसम में आए बदलाव से तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। तेज हवा व ओले गिरने के कारण गेेंहू की लहलहाती फसल खेतों में बिछ गई। बारिश बंद होने के बाद जब किसान अपने खेत पहुंचे तो खेत में बिछी फसल को देख विचलित हो गए।
केवलारी क्षेत्र के किसान बबलू तिवारी, हरिशंकर मिश्रा सहित अन्य किसानों ने बताया कि पहले ही नहर का पानी नहीं मिलने से गेहूं की फसल सूखकर बर्बाद होने की कगार पर आ गई थी, वही मंगलवार को तेज बारिश व ओलावृष्टि ने शेष रही फसल को भी बर्बाद कर दिया है। ऐसे में किसानों को खासी नुकसानी का सामना करना पड़ेगा। क्षेत्र के अनेक किसानों ने प्रशासन से नुकसानी का शीर्घ सर्वे कराकर सहायता राशि दिलाए जाने की मांग की है।
तेज बारिश व ओलावृष्टि से हुए नुकसानी का सर्वे राजस्व अमले ने शुरू कर दिया है। छपारा तहसीलदार नितिन गौंड ने बताया है कि भीमगढ़ बेेल्ट व चमारी बेल्ट में ज्यादा ओलावृष्टि हुई है। प्रारंभिक तौर पर 15 से 20 गांव बारिश व ओलावृष्टि से प्रभावित हुए है। केवलारी तहसीलदार हरीश लालवानी ने बताया कि अभी वह नुकसानी का आकलन करने निकले है। 20 से अधिक गांव प्रारंभिक तौर प्रभावित हुए है। तहसीलदार ने बताया है कि सर्वे के बाद ही वास्तविक प्रभावित गांवों व फसल नुकसानी सामने आएगी।