महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के बीच सरकार गठन को लेकर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच बात लगभग अंतिम दौर में पहुंच चुकी है।
बताया जा रहा है कि 17 नवंबर को राज्य में सरकार बनाने का एलान किया जा सकता है क्योंकि इसी दिन बाला ठाकरे की पुण्यतिथि है। इसी बीच एनसीपी ने साफ कर दिया है कि राज्य में अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा।
एनसीपी के मुंबई अध्यक्ष नवाब मलिक ने कहा, ‘अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उसके आत्मसम्मान को बनाए रखे क्योंकि उसने अपने पुराने गठबंधन को छोड़ा है। कांग्रेस सरकार का हिस्सा होगी या वह बाहर से हमारा समर्थन करेगी इसका जल्द फैसला होगा।’
शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी राज्य में अगली सरकार का नेतृत्व करेगी और इसके गठन से पहले कांग्रेस और एनसीपी के बीच जिस न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) पर काम किया जा रहा है वह राज्य के हित में होगा।
राउत ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा कि उद्धव ठाकरे केवल पांच साल नहीं बल्कि आगामी 25 साल तक महाराष्ट्र में सरकार का नेतृत्व करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस-एनसीपी के साथ गठबंधन के बाद शिवसेना वीर सावरकर को भारत रत्न दिए जाने की अपनी मांग से पीछे हट जाएगी, राउत ने सीधा उत्तर नहीं देते हुए कहा कि हमें पता है कि इस प्रकार की अटकलों का स्रोत क्या है।
राउत से जब पूछा गया कि क्या एनसीपी और शिवसेना को 14-14 और कांग्रेस को 12 पोर्टफोलियो देने का फॉर्मूला तैयार किया गया है, तो उन्होंने तीनों दलों के बीच प्रस्तावित गठबंधन व्यवस्था की जानकारी देने से इनकार कर दिया।
सरकार बनाने की गतिविधियों ने रविवार से गति पकड़नी तब शुरू की जब शरद पवार ने दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने की उम्मीद जताई। एनसीपी नेताओं के अनुसार पहले गांधी और पवार बैठक करेंगे और उसके बाद शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मिलेंगे।
इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है कि क्योंकि यह सरकार गठन पर आखिरी मुहर लगाने का काम करेगी।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों से कहा है कि है कि कोई भी पार्टी भाजपा के बिना राज्य में सरकार नहीं बना सकती है। महाराष्ट्र में मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
महाराष्ट्र की राजनीति में फंसे पेंच पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने टिप्पणी की है। मुंबई में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी हो सकता है। कभी-कभी आपको लगता है कि आप मैच हारने वाले हैं, लेकिन परिणाम उसका उलट ही आता है।’
शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन को फर्जी घोषित कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।
याचिका को अगले कुछ दिन में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है। इसमें आरोप लगाया गया है कि विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ लड़ने वाली शिवसेना के रुख में आया बदलाव कुछ नहीं बल्कि एनडीए के प्रति लोगों के विश्वास से धोखा है। यह याचिका प्रमोद पंडित जोशी ने दाखिल की है।