काठमांडू- राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने नेपाल के राजनीतिक दलों से कहा कि एक सप्ताह के भीतर राजनीतिक सहमति के आधार पर नया प्रधानमंत्री चुन लिया जाए और सरकार गठित की जाए। प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने एक दिन पहले रविवार को इस्तीफा दे दिया था।
इसके पहले राष्ट्रपति ने निवर्तमान सरकार द्वारा रविवार को की गई सिफारिश के अनुसार एक नई सरकार गठित करने के रास्ते में मौजूद संवैधानिक अड़चनें दूर करने का आदेश दिया।
राष्ट्रपति भंडारी ने सोमवार शाम एक प्रेस बयान में राजनीतिक पार्टियों से आग्रह किया कि नेपाल के नए संविधान के अनुच्छेद 298 (2) के अनुसार एक सप्ताह के भीतर एक आम सहमति की सरकार गठित की जाए।
इसके पहले राष्ट्रपति ने तीन प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं -प्रधानमंत्री और नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी के अध्यक्ष के.पी. शर्मा ओली, नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा, और नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी सेंटर) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहाल प्रचंड- से राय-मशविरा किया।
ओली के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल ने रविवार को राष्ट्रपति को सिफरिश की कि संविधान के अनुच्छेद 305 का इस्तेमाल करते हुए नई सरकार गठन के रास्ते की अड़चनें हटा दी जाएं, क्योंकि मौजूदा प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद नया प्रधानमंत्री चुनने का कोई प्रावधान नहीं है।
राष्ट्रपति के सहायक के अनुसार, राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ अपनी बैठक में भंडारी ने पार्टियों के बीच सहमति पर जोर दिया और सहयोग व समझौते की भावना के साथ आगे बढ़ने के लिए उनसे कहा।
उन्होंने कहा कि स्थानीय, प्रांतीय और राज्य स्तर के चुनाव कराना सबसे बड़ा राजनीतिक जोखिम है और उन्होंने राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि नए संविधान के क्रियान्वयन में अधिकतम ऊर्जा खर्च की जाए।
राष्ट्रपति ने आह्वान भले ही किया है, लेकिन सात दिनों के भीतर नेपाल को नया प्रधानमंत्री मिलना संभव नहीं है।
यदि पार्टियां सात दिनों के भीतर इस तरह की कोई सरकार नहीं गठित कर पाती हैं तो संसद बहुमत के आधार पर नया प्रधानमंत्री चुनने की प्रक्रिया शुरू करेगा। [एजेंसी]