नई दिल्ली – सोमवार को नेट न्यूट्रैलिटी की बहस में आलोचनाओं का शिकार रही फेसबुक ने अपने internet.org प्लेटफॉर्म को हर तरह की सामग्री और ऐप्लिकेशन का विकास करने वालों के लिए खोल दिया है बशर्ते वे उसके कुछ दिशानिर्देशों के मुताबिक हों।
हालांकि, रिलायंस कम्युनिकेशंस अब भी भारत में फेसबुक की इस सर्विस के साथ भागीदारी करने वाली एकमात्र भारतीय टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनी है। क्लियरट्रिप और एनडीटीवी ने खुद को इस मंच से अलग कर लिया है।
internet.org के उपाध्यक्ष (प्रॉडक्ट) क्रिस डैनियल्स ने कहा कि यह मंच ऐसे सभी डिवेलपर्स के लिए खुलेगा जो कुछ दिशानिर्देश का अनुपालन करते हैं और जिनकी सामग्री फीचर-फोन तथा स्मार्टफोन दोनों के जरिए और सीमित बैंडविड्थ के सहारे सर्फ की जा सके। यह पहल देश में नेट न्यूट्रैलिटी पर चल रही बहस के बीच हुई है जिसके तहत सभी इंटरनेट पर हर प्रकार की सामग्री को बराबरी का दर्जा दिए जाने की मांग की जा रही है।
इस सिद्धांत के तहत किसी भी इकाई या कंपनी को सर्विस प्रोवाइडर्स को भुगतान के आधार पर कोई प्राथमिकता नहीं दी जाएगी। भारत में internet.org ने इस साल फरवरी में रिलायंस कम्युनिकेशंस के साथ भागीदारी की, जिसमें 33 वेबसाइटों में फ्री एंट्री की सुविधा दी गई। इससे एक नई बहस छिड़ी क्योंकि मुक्त इंटरनेट के समर्थकों ने कहा कि यह पेशकश नेट न्यूट्रलिटी के कॉन्सेप्ट के खिलाफ है। इस बहस के छिड़ने के बाद क्लियरट्रिप जैसे इस सेवा के भागीदार इससे बाहर निकल गए।