डूंगरपुर : राजस्थान का एक आदिवासी जिला है डूंगरपुर। नाम पढ़कर आप सोच रहे होंगे कि जब आदिवासी जिला है तो यहाँ की ख़ासियत क्या होगी। जी हाँ, डूंगरपुर आज अपने स्वच्छता अभियान और हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल के चलते दुनिया में जाना जाता है। देश का एकमात्र इलाक़ा है डूंगरपुर, जहाँ मुस्लिम हर सुबह गाय की रोटी निकालते हैं। स्वच्छता अभियान ने यहाँ के हिंदू-मुस्लिम समुदाय को एक-दूसरे का बना दिया है।
शहर में गंदगी का नामों-निशान तक नहीं है। नियम ही कुछ ऐसे बने हैं कि चाह कर भी कोई गंदगी नहीं फैला सकता। यहाँ सफ़ाई दिन में नहीं होती।जब डूंगरपुर सोता है तो चालीस सफ़ाई कर्मी रोड पर निकलते हैं।
रात दस बजे से लेकर सुबह तीन बजे तक शहर की सड़कों को चमका देते हैं।दिन में भी कोई गंदगी नहीं फैलाता। रात में सफ़ाई पर जुटे कर्मियों का कहना है कि यहाँ मोबाइल डस्टबीन घूमते रहते हैं। जहाँ भी थोड़ा बहुत कूड़ा दिखता है, उसे पहले डस्टबीन में डालते हैं और फिर बड़ी गाड़ी उसे उठा ले जाती है। इस काम में तीन-चार घंटे लग जाते हैं।
कर्मियों ने इस बात को माना कि स्वच्छता अभियान अब यहाँ के लोगों की आदत में शुमार हो गया है। दिन में जब बाज़ार खुलते हैं तो भी कहीं गंदगी नहीं फैलती। यही वजह है कि इस साल के स्वच्छता सर्वेक्षण में डूंगरपुर देश में 5 वें स्थान पर रहा।पहले नम्बर पर साउथ दिल्ली, दूसरे पर इंदौर, तीसरे स्थान पर तिरुचिरपल्ली और चौथे स्थान पर चंडीगढ़ रहा था।
शहर के निर्धन और ज़रूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए रविवार यानी दो सितम्बर को डूंगरपुर में रोटी बैंक भी शुरू हो गया। सभापति गुप्ता का कहना है कि मुंबई के डिब्बे वाले से प्रेरित होकर हम यह मुहिम शुरू कर रहे हैं।
इसके लिए शहर के लोगों की एक समिति बना दी गई है। शुरू में प्राईवेट स्कूल के बच्चों से कहा गया है कि रोज़ाना एक अतिरिक्त रोटी लेकर आयें।
कोई भी व्यक्ति जो दान या सेवा करना चाहता है, वह भी रोटी बैंक की 31 सौ रुपए देकर मदद कर सकता है। इसके साथ ही मोबाइल रोटी बैंक भी शुरू किया जा रहा है।रोटी वाली गाड़ी शहर में घूमती रहेगी। भूखा व्यक्ति रोटी बैंक से निशुल्क भोजन प्राप्त कर सकता है।