मुंबई- दो हजार करोड़ रुपए के अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स रैकेट केस में अब नया मोड़ आ गया है। ठाणे पुलिस ने अभिनेत्री ममता कुलकर्णी पर ही रैकेट का मास्टरमाइंड होने का आरोप लगाया है। केस के प्रमुख गवाह जय मुखी ने आरोप लगाया है कि ममता कुलकर्णी का नाम लेने के लिए उस पर दबाव बनाया गया था।
मुंबई के पास ठाणे में दो हजार करोड़ रुपये के ड्रग्स रैकेट के सामने आने के बाद से ही ममता कुलकर्णी का नाम सुर्खियों में रहा है। ठाणे पुलिस ममता कुलकर्णी और उसके कथित पति विकी गोस्वामी को ही रैकेट की मास्टरमाइंड बता रही है।
पुलिस ने इसके लिए जय मुखी नाम के इस गवाह को भी कोर्ट के सामने पेश किया था। जय मुखी के बयान के आधार पर ही पुलिस ने बताया था कि जनवरी 2016 में केन्या के मोम्बासा में हुई मीटिंग में एवॉन कंपनी के अधिकारी और विकी गोस्वामी के बीच हर महीने 1000 करोड़ की 10 टन एफिडरीन ड्रग सप्लाई करने का करार हुआ था। इस मीटिंग में ममता कुलकर्णी भी मौजूद थी।
अब केस के अहम गवाह के अपने बयान से पलटने पर केस में नया मोड़ आ गया है। जय मुखी ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि ममता कुलकर्णी का नाम लेने के लिए उस पर दबाव बनाया गया था और प्रताड़ित किया गया।
जय मुखी ने ठाणे के NDPS कोर्ट को अर्जी देते हुए कहा है कि कस्टडी के दौरान मुझे बुरी तरह से पीटा गया और बिजली के झटके दिए गए। सब इंस्पेक्टर वालझाडे, सीनियर पुलिस इंसपेक्टर उत्तम शेल्के और एसीपी भरत शेल्के ने मेरे साथ अमानवीय अत्याचार किए। मुझे सोने तक नहीं दिया जाता था। ”
इतना ही नहीं जय मुखी ने अपने बयान में कहा, “मेरे साथ नौकरों जैसा बर्ताव किया गया। मुझसे दो-दो घंटों तक पैर की मालिश करवाते थे। ये मुझसे कहते थे कि अगर मैं ममता कुलकर्णी का नाम ड्रग्स रैकेट में नहीं लूंगा तो ये मेरे बहन और जीजा को गिरफ्तार कर लेंगे। थाने में बुलाकर मेरे बुजुर्ग माता-पिता पर भी बयान के लिए दवाब बनाया जाता था। यही वजह थी कि मैंने वासी मजिस्ट्रेट के सामने ममता कुलकर्णी के खिलाफ बयान दिया। ”
जय मुखी का कहना है कि वो कभी ममता कुलकर्णी से मिला तक नहीं है। और पुलिस ने उससे जबरन कोर्ट के सामने ममता का नाम लेने के लिए कहा गया था। इससे पहले ममता कुलकर्णी ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में भी पुलिस के आरोपों को गलत करार दिया।
ममता कुलकर्णी शुरू से कह रही है कि मामले को तूल देने के लिए पुलिस उनका नाम इस केस में घसीट रही है. सोलापुर एमआईडीसी में 45 एकड़ में फैली एवॉन लाईफसाइंस नाम की इसी फ़ैक्टरी से जुड़े हज़ारों करोड़ के ड्रग्स की तस्करी के मामले में ममता कुलकर्णी आरोपी बनी हैं।
इसी एवॉन कंपनी से ठाणे पुलिस ने दो महीने पहले 2000 करोड़ रुपये की नशीली दवा एफीडरीन ज़ब्त की है, जो भारत में अबतक बरामद की गई नशे की सबसे बड़े खेप है।
पुलिस का कहना है कि विकी ने इस फ़ैक्टरी के जरिए ड्रग्स के अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में अपना दबदबा बनाने के मकसद से ही ममता को इस धंधे में शामिल किया। हालांकि जय मुखी के खुलासे ने इस केस को एक नए मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है। [एजेंसी]