नई दिल्ली – राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पठानकोट आतंकी हमले में पाकिस्तानी साजिशकर्ताओं के खिलाफ साक्ष्य जुटाना शुरू कर दिया है। सुरक्षा बलों का ऑपरेशन खत्म होने के बाद एनआईए को सुबूत जुटाने के लिए मुठभेड़ की जगह पर जाने की इजाजत मिल गई है। साक्ष्य मिलने के बाद जांच एजेंसी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पाकिस्तान को लेटर रोगेटरी (एलआर) भेजेगी। एनआईए की जांच टीम पठानकोट एयरबेस पहुंच गयी है।
एनआईए महानिदेशक शरद कुमार घटनास्थल का मुआयना करने बुधवार को खुद पठानकोट जा रहे हैं। कुमार ने स्वीकार किया कि हमले के पीछे की साजिश को बेनकाब करना बड़ी चुनौती होगी, लेकिन साथ ही यह भी दोहराया कि जांच एजेंसी ऐसे आतंकी हमलों की गुत्थी पहले भी सुलझा चुकी है। उनके अनुसार इस तरह के मामलों की जांच के लिए कोई समय सीमा तय करना असंभव है, लेकिन इसकी जांच जल्द-से-जल्द पूरी करने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि शुरुआती साक्ष्य आतंकियों के पाकिस्तानी होने का संकेत देते हैं। लेकिन उनकी असली पहचान करने में पाकिस्तान की मदद की जरूरत पड़ेगी।
शरद कुमार ने कहा कि आतंकियों की असली पहचान और उनके आकाओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए जल्द ही पाकिस्तान को एलआर भेजा जाएगा। इसमें मारे गए आतंकियों के डीएनए सैंपल और वे पाकिस्तानी फोन नंबर होंगे, जिन पर हमलावरों ने बातचीत की थी। इनमें एक फोन नंबर आतंकी की मां और अन्य नंबर उनके आकाओं के हो सकते हैं। हैंडलर्से के नंबर पाकिस्तान के बहावलपुर के हैं, बहावलपुर में ही जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय भी है।
एनआईए पाकिस्तान को इनकी आवाज के नमूने भेजने की भी मांग करेगी। एनआईए प्रमुख ने फिलहाल किसी आतंकी गुट का नाम लेने से इन्कार करते हुए कहा कि जांच में यह साफ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि साक्ष्य मिलने के बाद ही इसके बारे में कुछ कहा जा सकता हैं। सलविंदर सिंह की मीडिया के सामने दी जा रही सफाई के बारे में पूछे जाने पर एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्हें जांच अधिकारियों के सामने सचाई बतानी होगी। आतंकियों ने सलविंदर का गाड़ी समेत अपहरण कर लिया था, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया था।